राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश के लोगों को किए गए वादों पर खरे नहीं उतरे। गहलोत का यह बयान उस दौरान आया जब देशभर के किसान कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अब सवाल किया है कि वे यह क्यों नहीं बताते कि उन्होंने पिछला चुनाव कालेधन से लड़ा था या सफेद धन से जीत कर प्रधानमंत्री बने थे। सच्चाई बताने में कतरा क्यों रहे है देश के लोग इस सच्चाई को जानना चाहते हैं।
मुस्लिमों के साथ मजहब के नाम पर और दलितों के साथ जाति के नाम पर भेदभाव होने का दावा करते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उल उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने आज दलित और मुस्लिम समाज से एकजुट होने का आह्वान किया।
देश में बडे़ नोटों को अमान्य करार दिए जाने के बाद बैंकों में आम जनता की सहूलियत के लिए काउंटर बढ़ाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी की एक वरिष्ठ नेत्री ने जालंधर में आज कहा कि बिना तैयारी के ही सरकार ने यह घोषणा कर दी है और सरकार के इस फैसले ने आवाम को भिखारी बना दिया है।
आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने पार्टी सहयोगी दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुये सोमवार को कहा कि अगर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्राी ने राज्य के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया होता तो वहां पार्टी मजबूत स्थिति में होती।
'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म को सीधे-सीधे बायोपिक नहीं कहा जा सकता। इसमें सिर्फ महेंद्र सिंह के जीवन की कुछ घटनाएं हैं। नीरज पांडे ने हालांकि पूरी कोशिश की है कि यह एक अच्छी बायोपिक फिल्म लगे। पर कहीं-कहीं लगता है कि धोनी के जीवन की कुछ परतें खुलनी फिर भी बाकी रह गई हैं।
औरतों के लिए बन रही फिल्मों का रूप बदल रहा है। पिछले हफ्ते आई पिंक ने यदि इसका आगाज किया और अब पार्च्ट ने बता दिया कि यह सफर जारी रहेगा। लीना यादव पहले भी शब्द और तीन जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हैं। इस बार उन्होंने तीन औरतों की दुनिया के जरिए दुनिया की खबर ली है।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।