अमीश की पुस्तक का पोस्टर ही नहीं ट्रेलर भी लॉन्च होगा। वह संभवतः भारत के पहले ऐसे लेखक हैं, जिन्हें प्रकाशक ने पांच करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान कर दिया था, जबकि उन्होंने पुस्तक के बारे में सोचना भी शुरू नहीं किया था
प्रोफेसर रघुवंश की पुस्तक हम भीड़ के लोकार्पण में दिल्ली आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने सियासी बोलों की कोई कमी नहीं रखी। समाजवादी रघुवंश के बहाने उन्होंने अपने आपातकाल के किस्से सुनाए और भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा पर भी कटाक्ष किया। नीतीश ने कहा, ‘यह देख कर अच्छा लग रहा है कि जो लोग तिरंगा को मानते भी नहीं थे वे ही लोग अब तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले पर आक्रामक रूख जारी रखते हुए आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की बीए डिग्री के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने दिया जाए लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
लखनऊ के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
बिजनौर स्थित सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उसके बैंक के पासवर्ड हैक कर सस्पेंस एकाउंट से एक करोड़ 39 लाख रुपये तीन खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। इसी तरह की एक घटना बिहार में भी कुछ दिन पहले हो चुकी है।
गोरखपुर के रहने वाले राजेंद्र सिंह बीएसएफ के जवान हैं। उनका बेटा प्रदीप स्कूल की छुट्टियां होने के कारण कानपुर घूमने गया। कानपुर से वापसी के दौरान वह ट्रेन से कहीं लापता हो गया। बड़ी कोशिशों के बाद भी प्रदीप का कुछ पता नहीं चला। कानपुर जीआरपी ने पंद्रह दिन के बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।