बीजिंग ओलंपिक में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के आठ साल बाद अखिल कुमार और जितेंद्र कुमार रिंग में बतौर पेशेवर मुक्केबाज वापसी करने को तैयार हैं। दोनों मुक्केबाज राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई चैम्पियनशिप पदकधारी हैं। दोनों इनफिनिटी आप्टिमल सोल्यूशंस (आईओएस) से करार करने के करीब हैं जो भारत में मौजूदा डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक चैम्पियन विजेंदर सिंह के प्रोमोटर हैं।
क्वार्टर फाइनल में हार के साथ ओलंपिक पदक जीतने का अपना सपना टूटने से हताश भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण (75 किलो) ने कहा कि वह इससे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते थे जो उन्होंने उजबेकिस्तान के बेक्तेमिर मेलिकुजिएव के खिलाफ किया।
प्री क्वार्टर फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वी पर दमदार जीत दर्ज करने के बाद आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण ने कहा कि रियो ओलंपिक में उन्हें स्वर्ण से कम पर संतोष नहीं होगा। विकास ने तुर्की के ओंडेर सिपल को 75 किलो मिडिलवेट मुकाबले में 3-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।
ब्राजील पुसिल ने मोरक्को के ओलंपिक मुक्केबाज को रियो डि जिनेरियो में खेल गांव में दो महिला सफाईकर्मियों का कथित यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार किया है।
ओलंपिक में पदार्पण के चार साल बाद भी भारत के ओलंपिक दल के सबसे युवा मुक्केबाज 22 बरस के शिव थापा को रियो में अपने बेहतर दमखम, स्टेमिना और परिपक्वता के आधार पर पदक जीतने की उम्मीद है।
ओलंपिक में जगह पक्की करने के बाद भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण (75 किग्रा) को बाकू (अजरबैजान) में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) विश्व क्वालीफाईंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि माथे पर चोट लगने के कारण वह सेमीफाइनल मुकाबले में भाग नहीं ले पाएंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार (64 किग्रा) बाकू (अजरबेजान) में चल रही एआईबीए विश्व क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचकर ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाले भारत के दूसरे मुक्केबाज बन गये।
एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्ण (75 किग्रा) बाकू (अजरबेजान) में चल रहे विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज बने और अगस्त में होने वाले रियो खेलों में जगह बनाने से वह सिर्फ एक जीत दूर हैं।
दुनिया में मुक्केबाजी के पर्याय मुहम्मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्हें पार्किन्संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।