Advertisement

Search Result : "BHU Girls"

निर्भया की तीसरी बरसीः औरतों पर बैखौफ हिंसा जारी

निर्भया की तीसरी बरसीः औरतों पर बैखौफ हिंसा जारी

हिंसा की शिकार बच्चियों और महिलाओं को आज भी बरसों-बरस न्याय के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, हिंसा की घटनाओं में इजाफा, नाबालिग अपराधियों पर बहस जारी
यह कैलेंडर बदल दो

यह कैलेंडर बदल दो

साल तो आप नहीं बदल सकते, मगर पसंद न आने पर कैलेंडर तो बदल ही सकते हैं। तो यकीन मान कर चलिए यह ‘कैलेंडर’ अगला हफ्ता आते-आते तक बदल जाएगा।
आने वाली हैं मधुर की कैलेंडर गर्ल्स

आने वाली हैं मधुर की कैलेंडर गर्ल्स

महिला केंद्रित फिल्में बनाने के लिए पहचाने जाने वाले निर्देशक मधुर भंडारकर का मानना है कि अब भी ऐसे बहुत से मुद्दे हैं, जिन्हें फिल्मों के जरिये उठाया जाना बाकी है।
फिर मिलेंगी स्पाइस गर्ल्स

फिर मिलेंगी स्पाइस गर्ल्स

जाना माना पॉप म्यूजिकल बैंड स्पाइस गर्ल्स के टूटने पर संगीत प्रेमियों को बहुत निराशा हुई थी। पूरी दुनिया में इस समूह के टूटने पर चर्चा हुई थी। स्पाइस गर्ल्स के प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर है कि यह समूह फिर अस्तित्व में आएगा।
एचबीओ की इंटर्न मालिया बराक

एचबीओ की इंटर्न मालिया बराक

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की बड़ी बेटी मालिया एचबीओ की गर्ल्स श्रृंखला में नौकरी करेंगी। वह यहां लीना डुनहैम के साथ इंटर्न होंगी। यह उनके समर जॉब का हिस्सा होगा।
‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

मधुर भंडारकर सामाजिक विषयों में मनोरंजन और व्यावसायिकता का तड़का लगा कर फिल्में बनाना पसंद करते हैं। चांदनी बार से लेकर फैशन तक उन्होंने किसी न किसी उद्योग को आधार बना कर काम किया है। इस बार वह कैलेंडर पर दिखने वाली खूबसूरत बालाओं पर फिल्म बना रहे हैं।
ग्रामीण राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या में कमी का दावा

ग्रामीण राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या में कमी का दावा

राजस्थान के जयपुर औऱ जोधपुर के छह जिलों में पंचायतों के साथ मिल कर चलाए जा रहे सीफार संस्था के प्रयासों से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान का दिख रहा असर
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
Advertisement
Advertisement
Advertisement