अर्जेंटीना और बेल्जियम पहली बार ओलंपिक में हॉकी के खिताब के लिये एक दूसरे के आमने-सामने होंगे जिन्होंने क्रमश: गत चैम्पियन जर्मनी और नीदरलैंड जैसे धुरंधरों को हराया।
अमेरिकी हवाईअड्डे पर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान को रोके जाने के मुद्दे पर शिवसेना ने कहा है कि अमेरिका में एक और अपमान होने के बाद शाहरूख को स्वाभिमानी रुख दिखाते हुए भारत लौट आना चाहिए था। उनका यह कदम अमेरिका के मुंह पर एक तमाचा होता। शिवसेना ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा हर बार होने के बावजूद यह सहिष्णु अभिनेता बार-बार अमेरिका जाते हैं।
रियो ओलंपिक में भारत के 118 सदस्यीय ओलंपिक दल का निराशाजनक प्रदर्शन मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रहा। हालांकि हॉकी में अर्जेंटीना पर जीत और तीरंदाज अतनु दास का क्वार्टफाइनल में पहुंचना राहत भरा रहा। दास ने अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखते हुए आज यहां एक घंटे के अंदर लगातार दो मैच जीते।
सुपर स्टार सलमान खान का कहना है कि उनके पिता सलीम खान उन्हें देश के लिए क्रिकेट खेलते हुये देखना चाहते थे। हाल ही में रिलीज हुई अपनी फिल्म सुल्तान में एक पहलवान की भूमिका निभाने वाले सलमान ने कहा कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को उनका कोच बनाया गया था और उन्होंने उनके पिता से कहा था कि क्रिकेट के मैदान में उनका भविष्य उज्जवल है।
सुपरस्टार सलमान खान ने अभिनेता आमिर खान को सलाह दी है कि वह दंगल में सिक्स-पैक ऐब्स में न दिखें। आमिर दंगल में पहलवान महावीर सिंह फोगट की भूमिका निभा रहे हैं।
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान का मानना है कि टेनिस स्टार सानिया मिर्जा पर बनने वाली कोई भी फिल्म प्रेरक होगी और वह चाहेंगे कि इस तरह की फिल्म का निर्माण वह करें।
स्पेन की एक अदालत ने बार्सिलोना के स्ट्राइकर लियोनेल मेस्सी और उनके पिता को कर धोखाधड़ी के लिये 21 महीने के जेल की सजा सुनायी है और साथ ही उन पर 37 लाख यूरो (लगभग 41 लाख डालर) जुर्माना लगाया है।
अभिनेता आमिर खान ने कहा कि उनके अभिनेता दोस्त सलमान खान और शाहरुख खान जब किसी कमरे में घुसते हैं तब वे स्टार जैसे लगते हैं जबकि वह खुद को एक वेटर की तरह महसूस करते हैं।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।