कैग की एक रिपोर्ट में सेंसर बोर्ड द्वारा वर्ष 2012-15 के दौरान कई शर्तों की अवहेलना के लिए और किसी कानून या प्रावधान पर ध्यान दिए बिना ही 172 ए श्रेणी की कई फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने तथा यू श्रेणी की 166 फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने की आलोचना की है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली है।
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने सनी देओल अभिनीत और चंद्रप्रकाश दि्ववेदी निर्देशित फिल्म मोहल्ला अस्सी के पूरे देश में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। यह रोक इस फिल्म का एक अनाधिकारिक ट्रेलर जारी होने के बाद लगाई गई है। इस ट्रेलर में भगवान शिव का स्वांग धरे एक व्यक्ति को धाराप्रवाह गालियां बकते दिखाया गया है।
एनजीओ की विदेशी फंडिंग पर शिकंजा कसने में जुटी केंद्र सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की कंपनी सबरंग कम्युनिकेशन के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
द फोन कॉल से केरल में वृत्तचित्र महोत्सव का आगाज होगा। 26-30 जून तक चलने वाले इस आठवें अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्र और लघुफिल्म उत्सव में बड़ी संख्या में दर्शक पूरे भारत से आने की उम्मीद है।
हिंदी में सिनेमा के इतिहास पर सबसे नई पुस्तक है - समय, सिनेमा और इतिहास। हिंदी सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर जश्न तो कई हुए, अखबारों, पत्रिकाओं में कई अहम विशेषांक भी निकले लेकिन पुस्तक के रूप में बॉलीवुड के इतिहास को नए तरीके से समेटने का काम कम हुआ। कुछ देर से ही सही, लेकिन संजीव श्रीवास्तव की यह पुस्तक इस मायने में काफी सराहनीय है। पुस्तक में शामिल सौ साल से अधिक के हिंदी सिनेमा की बड़ी तस्वीरें, व्यक्ति और समाज की अनुभूति और अभिव्यक्ति की बहुरंगी भाव-भंगिमाओं को विविघता से संजोए हुए हैं। यहां व्यावसायिकता की चकाचौंध है, तो कला की प्रांजलता भी। बाजार के दबाव और समझौते की कहानियां हैं तो प्रतिबद सामाजिक सरोकार के नजीर भी हैं।
गुजरात के दंगों से जुड़े मामलों को जोर-शोर से उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को घेरने का एक और प्रयास किया गया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके द्वारा संचालित दो एनजीओ को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
कंप्यूटर प्रणालियों पर हद से अधिक निर्भरता कितनी नुकसानदेह हो सकती है यह शायद दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका को अब समझ में आए। दरअसल कंप्यूटर प्रणाली में गड़बड़ होने के कारण पूरी दुनिया में अमेरिका की वीजा जारी करने की प्रक्रिया बाधित हो गई है।
कारपोरेट क्षेत्र का एक हिस्सा और भारत के वित्त मंत्रालय में एक प्रभावशाली तबका विदेशी दान दाताओं के मामले में ज्यादा अनुदार रवैये की उपयोगिता के बारे में संशय रखता है। उनकी राय में सामाजिक क्षेत्र में विदेशी दाता पूंजी के प्रति ज्यादा अनुदार रुख प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हतोत्साहित करेगा। ऐसी कारपोरेट राय की अगुवाई नारायण मूर्ति करते हैं। देखें नृपेंद्र मिश्र की पंचायती क्या रंग लाती है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्यवस्था में खुफिया ब्यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।