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क्या मोदी ने मोदी को पटाया?

क्या मोदी ने मोदी को पटाया?

ऐसा लगता है कि पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कुछ खास समझ बन रही है। तभी तो लगातार भाजपा नेताओं के लिए परेशानी का कारण बने ललित मोदी प्रधानमंत्री मोदी की शान में कसीदे पढ़ रह हैं।
मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

दिल्ली में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एंटी करप्‍शन ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख मुकेश मीणा की नियुक्ति को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके बाद दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद और गहरा गया है।
बिहार विधान परिषद चुनाव पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बिहार विधान परिषद चुनाव पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाले बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की रिक्त 24 सीटों के चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा है कि जो चुनाव कराए जा रहे हैं उसमें सदस्यों का कार्यकाल कितने दिनों के लिए होगा।
करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा हो गए। सरकार ने ब्रांडिग कर यह दिखाना चाहा कि भारत इसके लिए कितना गंभीर है। लेकिन इस दिवस के अवसर को कुछ लोगों ने मजाक के रुप में लिया तो कुछ ने इसे सियासत के तौर पर देखा। सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लोगों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया।
सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने की याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। याचिका में कहा गया है कि सचिन अपने इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का इस्तेमाल व्यावसायिक उत्पादों के विज्ञापन के लिए करते हुए धन कमाते हैं।
योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
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