अगर आप कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो इससे अच्छा मौका और कहां मिलेगा। कार निर्माता अपनी बजट और लोकप्रिय गाड़ियों पर 25 हजार से 90 हजार तक की छूट दे रहे हैं।
देश में पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए 30 जून की आधी रात में संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआत संसद के केंद्रीय कक्ष में देश की आजादी की उद्घोषणा के कार्यक्रम की तर्ज पर होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।
कई राज्यों में किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के मद्देनजर मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के मानसून सत्र में किसानों के लिए कानून बनाने की मांग की है।
संसद के मानसून सत्र के 12 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। इस सत्र में संसद के दोनों सदनों पर किसानों से संबंधित मसले छाए रह सकते हैं। संसद का मानसून सत्र हंगामा भरा हो सकता है।
ईवीएम जैसी मशीन दिल्ली विधानसभा के सदन में लाने की मंजूरी व डेमो देने को लेकर आप सरकार कटघरे में आ गई है। विशेष सत्र के नाम पर डेमो देना कितना जायज है। आप सरकार पिछले दो साल में जिस तरह विशेष सत्र बुलाती रही है उससे सत्र की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का फैसला किया है, जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा।
काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में विभिन्न मसलों पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। संसद के इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की उम्मीद है। विपक्ष जहां नोटबंदी से लेकर बजट के अन्य प्रस्तावों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं वहीं सरकार कई विधेयकों को लेकर आगे बढ़ने की रणनीति पर काम करेगी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश वार्षिक बजट को भविष्योन्मुखी बताते हुए उद्योग संगठनों का कहना है कि यह पिछले तीन सालों में किए गए आर्थिक सुधारों पर आधारित बजट है।
स्वराज इंडिया ने दावा किया कि देश में नोटबंदी से प्रभावित किसानों को कोई राहत नहीं देने सहित केन्द्रीय बजट में महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों पर घोषणाओं के अभाव के चलते सरकार की उदासीनता और हेकड़ी भलकती है।