ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न के एक चर्च में भारतीय समुदाय के एक कैथोलिक पादरी के गले पर चाकू से हमला किया गया। हमलावर ने कहा कि भारतीय होने के कारण वह प्रार्थना करवाने के लिए अयोग्य है। इसे नस्लीय हमला माना जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के गिरजाघरों में बाल यौन शोषण संबंधी एक जांच के जो आकंड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं और उनका बचाव नहीं किया जा सकता। इनसे पता चलता है कि वर्ष 1950 से 2010 के बीच सात फीसदी कैथोलिक पादरियों पर बाल शोषण के आरोप लगे थे लेकिन इनकी कभी जांच नहीं की गई।
पोप फ्रांसिस ने इस्लाम को हिंसा के बराबर रखने से इनकार करते हुए कहा कि कैथोलिक लोग भी इतने अधिक घातक हो सकते हैं। इसके साथ ही पोप ने यह चेतावनी दी कि यूरोप अपने युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेल रहा है।