सीबीएसई ने कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के लिए शिक्षकों की भर्ती से संबंधित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को साल में एक ही बार कराने का प्रस्ताव दिया है। जबकि अब तक यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती रही है।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: ने कुछ जानकारियां सार्वजनिक ना करने के लिए देशभर में बोर्ड के मान्यता प्राप्त 2000 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
अगर आज महाकवि सूरदास होते तो शायद ‘मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं’ की जगह यह लिखते, मैया मैं तो चांद पे घर बनवैहौं। यह कहने की वजह यह है कि अभी ज्यादा दिन बीता है, स्पेस एक्स नाम की एक प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने बताया था कि उसने दो लोगों को पर्यटक के तौर पर चांद की धरा की सैर कराने की योजना बनाई है। इस बीच कल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उससे आगे की रोमांचक खबर सुना दी।
देश के छोटे बड़े शहरों में भारी-भरकम स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स तथा पानी की बोतल लेकर झुकी कमर और तिरछी चाल चलते मासूम स्कूल आते जाते दिख जाएंगे। इन मासूमों से स्कूली बस्ते सहजता से उठते भी नहीं, लेकिन वे स्कूल बैग ढोने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने वजन का 35 प्रतिशत बोझ बस्ते के रूप में रोजाना पीठ पर ढोते हैं।
सीबीएसई के सभी छात्रों के लिए साल 2018 से 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होने वाली है। इसकी संचालन इकाई ने इस बारे में एक प्रस्ताव को आज आमराय से मंजूरी दे दी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10 वीं की परीक्षा के पैटर्न में अगले सेशन से बदलाव होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इलाहाबाद के मांडा में लाल बहादुर शास्त्री शिक्षा निकेतन के स्वर्ण जयंती समारोह में यह जानकारी दी।
देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।