Advertisement

Search Result : "Civil society group"

माल्‍या के बाद जेपी समूह ने किया 4,460 करोड़ रुपये का डिफाल्‍ट

माल्‍या के बाद जेपी समूह ने किया 4,460 करोड़ रुपये का डिफाल्‍ट

विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जेपी समूह की कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। समूह ने करीब 4,460 करोड़ रुपये के रिण और अन्य भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया है। एकीकृत आधार पर समूह बैंकों को 2,905.6 करोड़ रुपये की मूल राशि तथा अन्य 1558.93 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा है।
गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में गुजरात की एक अदालत के आज आए फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धब्बा बताया है।
आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसाइटी हत्‍याकांड मामले में विशेष अदालत के फैसले पर दंगों की पीड़िता जाकिया जाफरी आहत हैं। उन्‍होंने इस पर गहरा असंतोष जाहिर किया है। जाफरी ने कहा कि अदालत का फैसला एक तरह से आधा न्याय है। जिसेे मिलने में 14 साल लग गए।
गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड पर विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए 24 लोगों को दोषी ठहराया है। अदालत ने मामले में 36 लोगों को बेगुनाह माना है। कोर्ट ने जिन 36 लोगों को बरी किया है उनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और भाजपा पार्षद भी शामिल है। अदालत ने कहा कि 34 आरोपियों को सबूतों की कमी की वजह से बरी किया गया है। अदालत ने कहा कि यह घटनाक्रम साजिश के तहत नहीं हुआ। मामले में सजा 6 जून को मुकर्रर की जाएगी।
हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्‍यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्‍यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने जताई चिंता

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, सिविल सोसाइटी और मानवाधिकारों पर कथित रूप से बढ़ते हमलों पर गंभीर चिंता जताई है। सीनेटरों की चिंता पर ओबामा प्रशासन ने कहा कि वह इन मुद्दों पर भारत के साथ बात कर रहा है।
अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
9 मई को बुध ग्रह आएगा धरती करीब, पर नंगी आंखों से न देखें

9 मई को बुध ग्रह आएगा धरती करीब, पर नंगी आंखों से न देखें

एतिहासिक है सूरज और धरती के बीच छोटे से बुध ग्रह का आना और पांच घंटे पर बने रहना, वैज्ञानिक इस परिघटना के अध्ययन में जुटे, सूरज की छवि को एक शीट पर रिफलेक्ट करके ही देखने की सलाह
अमृतसर-मुंबई रूट का किराया अब भी तीन गुना, सरकार खामोश

अमृतसर-मुंबई रूट का किराया अब भी तीन गुना, सरकार खामोश

जाट आंदोलन का फायदा उठाते हुए घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा उंचा किराया वसूलने का सिलसिला जारी है। कुछ विमानन कंपनियां अमृतसर-मुंबई मार्ग पर 300 प्रतिशत अधिक यानी 23,000 रुपये तक किराया ले रही हैं। वहीं सरकार ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह विमानन कंपनियों से टिकट के किराये कम करने का सिर्फ आग्रह कर सकती है। मौजूदा जाट आंदोलन के दौरान कई विमानन कंपनियों ने अपने किरायों में असामान्य बढ़ोतरी की है।
विकासशील देशों से उठी आवाज, हमारी दुनिया तुम्हारे बिक्री नेटवर्क के लिए नहीं

विकासशील देशों से उठी आवाज, हमारी दुनिया तुम्हारे बिक्री नेटवर्क के लिए नहीं

जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन की अहम बैठक से पहले विकासशील देशों में चल रहा समर्थन जुटाने का अभियान एक पत्र के जरिए जो ऐलान करता पत्र विकासशील देशों में आवाम की बुलंद आवाज
Advertisement
Advertisement
Advertisement