कांग्रेस नेता जयेश शाह ने 'फेंकूजी हैव दिल्ली मा (फेंकू जी दिल्ली में हैं)' शीर्षक से किताब लिखी है। किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया गया है। अहमदाबाद कोर्टने इस गुजराती पुस्तक की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सिविल अदालत के जज एएम दवे ने संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए बैन की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने खुफिया जांच एजेंसी आईबी से सोनिया गांधी पर नजर रखने को कहा था। इतना ही नहीं सोनिया के घर 10 जनपथ पर भी उस दौरान नजर रखी जा रही थी। इसका खुलासा लेखक विनय सीतापति की आने वाली किताब- 'हाफ लाइन: हाउ पीवी नरसिम्हा राव ट्रांसफॉर्म इंडिया' में किया गया है। किताब के अनुसार राव ने सोनिया गांधी को समर्थन करने वाले कैबिनेट में शामिल नेताओं की लिस्ट भी तैयार करवाई थी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निकटस्थ रणनीतिकार और सांसद जयराम रमेश ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े जल्द से जल्द होने चाहिए। उत्तर प्रदेश में चुनाव के पहले जयराम की इस मांग पर प्रदेश में अलग अलग राय और विवाद रहे हैं।
राइफल निशानेबाज जयदीप कर्मकार ने मामूली अंतर से पदक से चूकने का दर्द अनुभव किया था और अब रियो ओलंपिक से पहले उन्होंने उन बाधाओं का खुलासा किया है जो लंदन खेलों से पहले कोच और अधिकारियों ने पैदा की थी।
सौरव गांगुली के पास भारत के अगले मुख्य कोच के चयन की जिम्मेदारी है और इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्होंने 2005 में ग्रेग चैपल के नाम की सिफारिश करके जिस तरह की गलती की थी इस बार ऐसा कुछ नहीं करेंगे।
जब वह क्रीज पर होते थे तो ऑफ साइड में अपने करारे शाट से दर्शकों को रोमांचित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे और अब आप भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली से लेखक के रूप में इसी तरह के रोमांच की उम्मीद कर सकते हैं जिनकी भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपने समय पर आधारित एक किताब जल्द ही पाठकों के हाथ में होगी।
अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। आदित्यनाथ ने इस बार मदर टेरेसा को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि टेरेसा जैसे लोगों ने भारत के ईसाईकरण की कोशिश की।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।