मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर से मुलाकात की।
सीबीआई ने सेना मुख्यालय से चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट में कई सीनियर सैन्य अधिकारी संलिप्तता बताये जा रहे हैं।यह गैंग रिश्वत लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती में हेराफेरी कर रहा था।
अमूमन ऐसा कम ही होता है कि जब किसी अफसर के तबादले के खिलाफ आक्रोशित जनता सड़क पर उतर आए। लेकिन उत्तराखंड के बागेश्वर की सड़क पर मंगलवार को ऐसा ही कुछ नजारा रहा। प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 22 अफसरों के तबादले किए जिसकी सबसे अधिक खिलाफत बागेश्वर में देखने को मिली।
बगदाद में एक भीषण विस्फोट ने मध्य जिले को हिलाकर रख दिया जहां विगत में कई बार कार बम हमले हो चुके हैं। इस घटना को अंजाम देने वाले आत्मघाती कार हमलावरों ने पुलिस स्टेशन को निशाना बनाते हुए हमला किया जिसमें चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 8 लोग घायल हो गए हैं।
याेेेगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरदबल करते हुए 84 आईएएस, 54 आईपीएस और 9 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इनमें 38 जिलों के डीएम और 33 जिलों के पुलिस प्रमुख शामिल हैं। इससे पहले योगी सरकार करीब 60 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था!
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए 41 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद यह परिवर्तन तय माना रहा था,जिस पर मुहर लगा दी गई।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को अपना पहला प्रशासनिक फेरबदल किया। सूबे के 20 बड़े आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव के खास अधिकारियों को वेटिंग में डाल दिया गया है। 20 में से 9 अधिकारियों को को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। यह सभी अधिकारी पूर्ववर्ती मायावती और अखिलेश सरकार के खास बताये जा रहे हैं।
बंबई उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत राज्य मुख्य सूचना आयुक्त को शक्ति है कि वह आयोग के काम-काज सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सूचना आयुक्तों का तबादला एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में कर सकता है।
छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर टिप्पणी करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिले से हटाकर मंत्रालय भेज दिया गया है। अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है।