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स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने की याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। याचिका में कहा गया है कि सचिन अपने इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का इस्तेमाल व्यावसायिक उत्पादों के विज्ञापन के लिए करते हुए धन कमाते हैं।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
शिवराज सिंह कन्यादान में देंगे शौचालय

शिवराज सिंह कन्यादान में देंगे शौचालय

अगर शीर्षक पढ़ कर चौंक गए हैं तो सही चौंके हैं। लेकिन उतना भी सही नहीं। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन सरकार की कन्यादान योजना के तहत अब उन वर-वधू को 12,000 रुपये की सहायता देंगे जिनके घर में शौचालय नहीं है। इस पैसे से नवदंपति शौचालय बनवाएंगे। तो हुआ न यह कन्यादान में शौचालय।
शहंशाह-ए-तरन्नुम को मिले भारत रत्नः मिलन सिंह

शहंशाह-ए-तरन्नुम को मिले भारत रत्नः मिलन सिंह

शहंशाह-ए-तरन्नुम मोहम्मद रफी के फैंस न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी एकजुट हो रहे हैं। वजह है कि अब रफी साहब को भी भारत रत्न से नवाजा जाए। आने वाले सप्ताह में सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए पूरी दुनिया से उनके फैंस दिल्ली में इक्ट्ठा हो रहे हैं।
कहानी - भेड़िया

कहानी - भेड़िया

दिल्ली में जन्मी योगिता यादव का पहला कहानी संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ के आठवें नवलेखन पुरस्कार से सम्मनित किया गया और बाद में वहीं से प्रकाशित हुआ। कहानी झीनी झीनी रे चदरिया को अपने खास शिल्प के कारण आठवें अखिल भारतीय कलमकार कहानी प्रतियोगिता में दि्वतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्हें जम्मू कश्मीर के विशेष सांस्कृतिक अध्ययन के लिए संस्कृति मंत्रालय से जूनियर फैलोशिप मिल चुकी है। वह पिछले 13 सालों से पत्रकारिता में भी सक्रीय हैं। फिलवक्त दैनिक जागरण के जम्मू संस्करण में कार्यरत।
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