कहा जाता है कि ज्ञान और बुद्धि कभी अमीरी-गरीबी नहीं देखती। और आज यह बात छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में साबित हो गई, जहां एक ऑटो ड्राइवर की बेटी ने आईआईटी में 169वीं रैंक हासिल की।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बेहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में कलेक्टर अवनीश शरण का बहुत बड़ा हाथ है। ये पहला मौका नहीं है, जब अवनीश ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया, इससे पहले उन्होंने अपनी बेटी को 9 माह तक आंगनबाड़ी में पढ़ाया था।
राष्ट्रपति चुनाव में दलित समाज से जुड़े बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आगे कर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोविंद की उम्मीदवारी के मुद्देे पर विपक्ष भी उलझन में पड़ा सकता है। यहां तक कि बसपा प्रमुख मायावती भी सीधे तौर पर उनका विरोध नहीं कर पा रही हैं।
हरियाणा पुलिस ने 15 दलित एक्टिविस्टों पर ‘राजद्रोह’ का केस दर्ज किया है। इसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दो छात्र भी शामिल हैं। इन पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
भारत में जन्म लेने वाली स्वीडिश नागरिक नीलाक्षी एलिजाबेथ जॉरंडल करीब 41 सालों बाद भारत में अपनी मां से मिली। जब मां-बेटी आपस में मिली तो सभी भावुक हो गए। 44 वर्षीय नीलाक्षी को 3 साल की उम्र में उसे एक स्विडिश दंपती ने गोद ले लिया था, जिनके साथ वो स्विडन चली गई थी।
देश में आए दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गैंगरेप की घटनाएं सुनने और पढ़ने को मिलती है। एक ऐसी ही घटना कर्नाटक की है, जहां गैंगरेप का शिकार हुई एक दलित छात्रा ने इंसाफ की गुहार लगाई है। इस संबंध में पीड़िता ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को अपने अपने मंत्री बेटों के लिए संस्कारी बहू चाहिए। राबड़ी के अनुसार संस्कारी का मतलब जो मॉल-सिनेमा वगैरह ना जाती हो।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।