!['दुख होता है कि आज भी मंदिर-मस्जिद बनाने की बात हो रही'](https://outlookhindi-assets.s3.ap-south-1.amazonaws.com/public/uploads/article/gallery/2cf6b774c8e53018f9b47b8a5b755af9.jpg)
'दुख होता है कि आज भी मंदिर-मस्जिद बनाने की बात हो रही'
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।