उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा है कि वह उत्तराखंड विधानसभा में अपनी देखरेख में शक्ति परीक्षण करवाने की संभावना पर केंद्र से निर्देश लें और न्यायालय को सूचित करें।
मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
उच्चतम न्यायालय ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने पर संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त उत्तराखंड और पुडुचेरी के राज्यपालों को बर्खास्त करने के मामलों में केंद्र सरकार से आज जवाब तलब करते हुए कहा, यह गंभीर मसला है। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी और वीरेन्द्र कटारिया की याचिकाओं पर केंद्र से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया। इस मामले में अब 28 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
असंतोष और टकराव का लाल गलियारा बेहद लंबा है। आज राज्य के अर्द्ध सैन्य बल और प्रतिरोधी आदिवासी आमने-सामने हैं। आखिर क्यों है ऐसा? समाज विज्ञानी, लेखक और पत्रकार रामशरण जोशी इस ‘क्यों’ की पड़ताल अपनी नई पुस्तक ‘यादों का लाल गलियारा-दंतेवाड़ा’ में करते हैं।
शिवेसना ने पिछले दिनों अचानक पाकिस्तान की यात्रा करने पर पीएम मोदी पर करारा हमला किया है। पीएम की औचक लाहौर यात्रा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि भारतीय खून से सनी पाकिस्तानी भूमि को चूमना उनके लिए महंगा साबित होगा।
'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' एक सशक्त रचना है। इस रचना को हरिवंश राय बच्चन की रचना के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। इस रचना के बारे में काफी समय से मतभेद है कि यह रचना हरिवंशराय बच्चन की है या निराला की। हमने निराला और बच्चन की रचनावली के सभी खंड खंगाले लेकिन यह रचना कहीं नहीं मिली।
बाबा रामदेव के पतंजलि आटा नूडल्स में कीडे मिलने और पतंजलि देसी घी में फंफूदी लगी होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने इन दोनों उत्पादों की गुणवत्ता परखने के लिये उनकी जांच के आदेश दिए हैं।