उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए कहा कि कुछ ताकतें विकास पर बहस करने के बजाय चीजों को गलत तरफ ले जाना चाहती हैं।
यूं तो हर राज्यसभा में होता है कि वहां से सांसद होने के लिए भौगोलिक सीमाएं पत्थर पर खींची हुई लकीर नहीं होती हैं। फिर भी मध्य प्रदेश कुछ मायनों में अलग है। तमिलनाडु के पार्टी अध्यक्ष इला गणेशन के मध्य प्रदेश से राज्यसभा में नामित होने के बाद कई स्थानीय नेता और दूसरे उत्तर भारतीय नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया।
लद्दाख सेक्टर के बाद चीनी सैनिकों की एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश में सीमा से लगे भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार इस महीने की शुरूआत में चीनी सैनिक अरूणाचल प्रदेश के दूरस्थ भारतीय क्षेत्र में 45 किलोमीटर अंदर तक आ गए और इस बात का दावा करने के लिए अस्थायी शिविर का निर्माण किया कि वह भूभाग उनका है। इलाके से मिली रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
सूबे की भाजपा सरकार के पुरजोर प्रयासों के बाद भी प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर जनता से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने से हिचक रहे हैं। अधिकारियों का आम आदमी से कोई सीधा संवाद नहीं है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज का फीडबैक ले रहे हैं। और जनता से जुड़कर लोक कल्याण के कार्यों में अधिक योगदान देना चाहते हैं।
मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्रा प्रभार) विश्वास सारंग ने शनिवार को बताया कि सहकारिता विभाग में बदलते समय के साथ नवाचार करते हुए प्रदेश की सहकारी राशन की दुकानों और ग्रामीण कृषि ऋण सोसायटी (पैक्स) दुकानों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को बेचा जाएगा।
आज की राजनीति में दलितों के घर भोजन करने की नई परंपरा चल पड़ी है। नेताओं को इस बात का जरा भी भान नहीं कि दलित गरीब उनके भोजन आयोजन के लिए अनाज और अन्य समान कहां से लाएगा। यूपी में चल रही इस राजनीति में ताजा वाकया कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से संबंधित है।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 43 विधायक पीपीए में श्ाामिल हो गए हैं। पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है। विधायकों के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी पीपीए का दामन थाम लिया है। 60 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक हैं, जबकि 11 विधायक भाजपा के हैं।
मध्य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिवालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ. मनीष कुमार को ओएसडी नियुक्त किया गया है। डॉ. कुमार देना बैंक भोपाल जोन में ब्रांच मैनेजर थे। उनकी सेवा प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार को सौंपी गई है।