भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार शाम ठीक 5:28 बजे जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। पूरी तरह देश में बने सबसे भारी रॉकेट के लांच के साथ ही इसरो और मोदी सरकार के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। पिछले तीन सालों में इसरो की सफलता की कहानी उल्लेखनीय रही है!
इसरो ने जीएसएलवी मार्क 3 लांच कर विज्ञान के क्षेत्र में इतिहास रचा है, लेकिन क्या इस बार राष्ट्रपति पद के लिए इसरो के किसी वैज्ञानिक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है? अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मिसाइल मैन अब्दुल कलाम का हवाला देते हुए राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं। ऐसा हुआ तो यह भी अपने आप में इतिहास ही होगा।
भारत ने सोमवार को देश में ही निर्मित जीएसएलवी मार्क-3 को लांच कर इतिहास रच दिया। लेकिन अगर 1980 में सोवियत रूस भारत को इसमें इस्तेमाल होने वाले क्रायोजेनिक इंजन की तकनीक दे देता तो आज यह उपलब्धि इतनी बड़ी न होती।