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अखिलेश ने शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को किया बर्खास्‍त, सपा का संकट गहराया

अखिलेश ने शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को किया बर्खास्‍त, सपा का संकट गहराया

यूपी में रविवार काे सपा का राजनैतिक संकट और गहरा गया। मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त कर दिया वहीं कार्यकर्ताओं को अखिलेश के समर्थन में पत्र लिखने वाले पार्टी महासचिव ऱामगोपाल यादव को भी दोपहर बाद पार्टी से निकाल दिया गया।
दिग्‍गी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगानेे वाले भाजपा नेताओं का 18 साल बाद यू टर्न

दिग्‍गी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगानेे वाले भाजपा नेताओं का 18 साल बाद यू टर्न

18 साल पहले कांग्रेस महासचिव व मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रदेश के दो भाजपा नेताओं ने इस पूरे मसले पर अब यू टर्न ले लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने अदालत को लिखकर दिया है कि दिग्विजय सिंह ने भ्रष्टाचार नहीं किया। वे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं। अदालत में इस स्वीकारोक्ति के बाद दिग्विजय ने दोनों नेताओं के खिला‌फ मानहानि का केस वापस ले लिया है।
हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

ए.के.- 67 के कारतूस लगातार खोखले और ‘आप हंता’ साबित हो रहे हैं। 70 में से 67 का भारी बहुमत और टोपी-कमीज-चप्पल से बनी प्रारंभिक लोकप्रिय छवि वाला मुख्यमंत्री भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं उभरा। केवल दो साल की राजनीतिक गोलीबारी के साथ संपूर्ण भारत पर राजनीति की महत्वाकांक्षा पालने वाले ए.के. यानी अरविंद केजरीवाल अब हैरान हैं।
कश्मीर: एसपीओ बनने के लिए उत्साह, दस हजार पदों के लिए पच्चीस हजार आवेदन

कश्मीर: एसपीओ बनने के लिए उत्साह, दस हजार पदों के लिए पच्चीस हजार आवेदन

आतंकियों और अलगाववादियों की धमकी को धता बताते हुए पूरे कश्मीर से हजारों युवाओं ने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के 10,000 पदों के लिए आवेदन दिए हैं। कश्मीर में जारी अशांति में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है।
समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।
अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका सहित दुनिया के देशों को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी दानवों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता रहा है। फिर भी अमेरिका बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद एवं अत्याधुनिक हथियार देता रहा। ओसामा बिन लादेन के तालिबानी हमले के बाद उसने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर बमबारी की और सैनिक तैनात किए लेकिन पाकिस्तान में छिपे लादेन के अपवाद को छोड़कर किसी आतंकवादी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
कश्मीर मुद्दे पर मीडिया का हमला। आलोक मेहता

कश्मीर मुद्दे पर मीडिया का हमला। आलोक मेहता

भारतीय सैनिक टुकड़ी पर पाकिस्तानी आतंकवादी हमले को कायराना और निंदनीय कहते हुए उत्तेजक प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों और देश भर में आक्रोश भी उचित है। लेकिन यह पहला अवसर नहीं है। 1947 से आज तक पाकिस्तान ने भारतीय सीमाओं पर हर सभंव हमले, घुसपैठ और गड़बड़ियां की हैं। सन 1965 और 1971 के पाकिस्तानी आक्रमण का करारा जवाब लालबहादुर शास्त्रीर और इंदिरा गांधी ने दिया था। दोनों अवसरों पर पाकिस्तानी सेना को करारी पराजय के साथ समर्पण करना पड़ा था।
एएमयू: कुलपति की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय ने उठाया सवाल

एएमयू: कुलपति की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय ने उठाया सवाल

उच्चतम न्यायालय ने आज गैरशिक्षण पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति की प्रतिष्ठित अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति के रूप में नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया। कुलपति के पद पर पूर्व सैन्य अधिकारी जमीरउद्दीन शाह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह सवाल उठाया।
अपनों की असहमति को सलाम। आलोक मेहता

अपनों की असहमति को सलाम। आलोक मेहता

आप इस शीर्षक से असहमत हो सकते हैं। इसे शिरोधार्य करना हमारा भी कर्तव्य है। सामान्यतः मीडिया असहमतियों को विद्रोह, धमाके, टूट, बिखराव, टकराव की तरह पेश करता है। इसकी वजह यही है कि धीरे-धीरे समाज में असहमतियों को विरोध की तरह अनुचित माना जाने लगा है। महात्मा गांधी या अब्राहम लिंकन, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी (आपातकाल के अपवाद को छोड़कर), अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने यदि असहमतियों, अपनों की कड़वी खरी-खोटी नहीं सुनी होती तो, राजनीतिक दलों या लोकतांत्रिक सरकारों में संभवतः कई महत्वपूर्ण फैसले ही नहीं हो पाते।
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