ईरान की संसद और दक्षिणी तेहरान में खुमैनी के मकबरे पर हुए दो अलग-अलग हमलों में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि घायलों की संख्होया बढ़कर 42 हो गई है। मरने वालों में एक महिला आत्मघाती हमलावर भी शामिल है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में आईएसआईएस के समर्थन में नारे लिखे जाने की घटना सामने आई है। डीयू के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की दीवारों पर ये नारे लिखे गए हैं। शिक्षकों और छात्र संगठनों ने इस मामले की जांच की मांग की है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपना सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम गिराया है। गुरुवार शाम करीब सात बजे हुए इस हमले में ISIS से जुड़े आतंकियों और बंकरों को निशाना बनाया गया है। ‘मदर ऑफ आल बॉम’ कहे जाने वाले इस धमाके में 18 लोगों के मरने की खबर है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई हमले शुरु कर दिए हैं। अमेरिका सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर 60 से ज्यादा मिसाइलें दाग चुका है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 देशों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संघर्ष को टालने की कोशिश करते हुए एक समझौता प्रस्ताव वितरित किया। यह प्रस्ताव सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले की पूर्ण जांच की मांग करने को लेकर दिया गया।
सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले को निंदनीय बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस तरह के कृत्य ओबामा प्रशासन की कमियों का परिणाम हैं। इस हमले में 58 लोगों की मौत हो गई है।
सीरिया और इराक से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसके लिए लगभघ 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा, तब जाकर सीरिया और इराक से जिंदा बमों का सफाया संभव हो सकेगा।