Advertisement

Search Result : "Important To Restore Freedom Of Movement"

'ब्रिटिश से भारत काे जो नुकसान हुुआ, किसी भी क्षतिपूर्ति से नहीं हो सकता पूरा'

'ब्रिटिश से भारत काे जो नुकसान हुुआ, किसी भी क्षतिपूर्ति से नहीं हो सकता पूरा'

लेखक और नेता शशि थरूर ने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल में भारत के लोगों पर जो भीषण अपराध किए गए, भारत को दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक बनाने वाले ब्रिटिशों द्वारा किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति उसकी भरपायी नहीं कर सकती।
विश्वास को शिकायत, लोकप्रिय कवि हूं पर सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता

विश्वास को शिकायत, लोकप्रिय कवि हूं पर सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता

मंच के कवि होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय कुमार विश्वास के मुताबिक केंद्र की सरकारों ने उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं दिया और राजनीतिक विचार नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी कार्यक्रमों तक में आमंत्रित नहीं किया जाता।
नजीब के लिए छात्रों शिक्षकों के प्रदर्शन को जेएनयू ने बताया विघ्नकारी राजनीति

नजीब के लिए छात्रों शिक्षकों के प्रदर्शन को जेएनयू ने बताया विघ्नकारी राजनीति

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों से परिसर में विघ्नकारी राजनीति और प्रदर्शनों को हतोत्साहित करने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि इससे विश्वविद्यालय का सुगमतापूर्वक चलने वाला कामकाज बाधित हो रहा है और प्रदर्शनों के जरिए अतार्किक मांगें उठायी जा रही हैं।
राम मंदिर के लिए संत समाज अगर आंदोलन करता है तो साथ देंगे: संघ

राम मंदिर के लिए संत समाज अगर आंदोलन करता है तो साथ देंगे: संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे को संतों का बताते हुए कहा है कि संत अगर इसके लिए आंदोलन करें तो संघ साथ देगा।
मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर वैचारिक हमला किया है। काटजू ने गांधी को फ्राड और पाखंडी बताया है। उन्‍होंने कहा है कि गांधी की वजह से देश को आजादी नहीं मिली है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? काटजू ने लिखा- जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।
स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

भारत सरकार ने देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन में करीब पांच हजार रूपये की वृद्धि की घोषणा की है। इस दायरे में अंडमान द्वीप में बनी सेल्युलर जेल में उस काल में कैद किए गए और ब्रिटिश शासन वाले भारत की सीमा से बाहर रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं।
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से लौट रहे अंसारी ने कहा, आतंकवाद को कोई सहन नहीं कर सकता

गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से लौट रहे अंसारी ने कहा, आतंकवाद को कोई सहन नहीं कर सकता

भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
गौरक्षकों पर बयान के बाद मोदी ने आरएसएस प्रचारकों को भोज पर बुलाया

गौरक्षकों पर बयान के बाद मोदी ने आरएसएस प्रचारकों को भोज पर बुलाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के 7 रेस कोर्स रोड स्थित अपने आवास पर आरएसएस के प्रचारकों के लिए एक भोज का आयोजन किया। गौरक्षकों पर सख्त बयान के बाद मोदी की इस दावत को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे शीर्ष आंदोलनकारी भारत से आजादी की मुहिम के लिए समर्थन मांगने उप्र के बागपत और मेरठ पहुंचे हैं। दोनों जिलों में बलूचिस्तान मूल के लोगों से पाकिस्तान से मुक्ति दिलाने के लिए समर्थन के साथ हरसंभव मदद करने की अपील की। आंदोलनकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना की क्रूरता और दमन के खिलाफ भारत में भी जल्द अ¨हसात्मक आंदोलन शुरू किया जाएगा।लंबे अरसे से पाकिस्तान का अवैध कब्जा हटाकर स्वशासन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बलूचिस्तान के कई शीर्ष नेताओं ने बागपत और मेरठ के कई गांव में रह रहे बलूचियों से मुलाकात की और अपने पूर्वजों की निशानी देखी। बलूच नेताओं ने आजादी के संघर्ष और पाक की बर्बरता की दास्तां सुनाई तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।