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साधारण बीमा कंपनियां बढ़ा सकती हैं प्रीमियम दरें

साधारण बीमा कंपनियां बढ़ा सकती हैं प्रीमियम दरें

साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में बीमा प्रीमियम की दरें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। बीमा कंपनियों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में ब्याज दरें घटने से कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सिलेंडर सभी महंगे

पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सिलेंडर सभी महंगे

नए साल के पहले दिन रसोई गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल, डीजल तक सभी कुछ महंगा हो गया। सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दामों में 1.29 रुपये और डीजल के दामों में 97 पैसे प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है।
इस साल तीन अरब के रक्षा सौदे, निर्यात भी बढ़ा: पर्रीकर

इस साल तीन अरब के रक्षा सौदे, निर्यात भी बढ़ा: पर्रीकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के अनुसार, भारत ने रक्षा खरीद में बढ़ोतरी की है। साथ ही, देश में बने आयुधों का निर्यात भी बढ़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष में अगले तीन महीने में 50 हजार से 60 हजार करोड़ रपये के और रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इससे उनके कार्यभार संभालने के बाद इस क्षेत्र में जारी कुल आर्डर 3,000 अरब रुपए का हो जाएगा।
राफेल से ताकत तो बढ़ेगी, पर जरूरत ज्यादा स्क्वाड्रन की

राफेल से ताकत तो बढ़ेगी, पर जरूरत ज्यादा स्क्वाड्रन की

भारत ने फ्रांस के साथ जिन 36 राफेल विमानों की खरीद का करार किया है, उनको वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद दो स्क्वायड्रन बढ़ जाएंगे। ये विमान 2019 से 2023 के बीच भारत को मिलेंगे। माना जा रहा है कि इससे भी लड़ाकू विमानों की कमी पूरी नहीं होगी। अभी ही वायुसेना के बेड़े में विमान कम हैं। सेवारत मिग विमानों के फेज आउट होने के बाद संख्या और घटने वाली है। ऐसे में भारत की उम्मीदें अमेरिका, स्वीडन और रूसी कंपनियों से भविष्य में होने वाले विमान खरीद सौदों पर टिकी हैं।
लो खाना बनाना भी हुआ महंगा, जुलाई से तीसरी बार बढ़ी रसोई गैस कीमतें

लो खाना बनाना भी हुआ महंगा, जुलाई से तीसरी बार बढ़ी रसोई गैस कीमतें

सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम आज दो रुपये बढ़ा दिया गया। जुलाई से रसोई गैस सिलेंडर कीमतों में यह तीसरी वृद्धि हैं। वहीं विमान ईंधन एटीएफ कीमतों में 3.8 प्रतिशत कमी की गई है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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