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डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट और अंतरदेशीय डाक पत्र बंद किए जाने के फैसले को लेकर आज विवाद शुरू हो गया और सरकार ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार को यह सम्मान नहीं मिल सकता वहीं कांग्रेस ने इस कदम को इतिहास का अपमान बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की।
क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले जाट आवेदकों की उस अपील को आज खारिज कर दिया जिसमें इन आवेदकों ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। इन आवेदकों ने जाट आरक्षण को सर्वोच्च अदालत द्वारा रद्द कर दिए जाने से पहले ओबीसी श्रेणी में बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा के अलग-अलग स्तर पर सफलता हासिल कर ली थी मगर आरक्षण रद्द हो जाने के कारण इन्हें अंतिम रूप से नौकरी नहीं दी गई।
इंदिरा हत्या: इस सिख नेता पर मामला नहीं चला पाईं थीं थैचर

इंदिरा हत्या: इस सिख नेता पर मामला नहीं चला पाईं थीं थैचर

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ब्रिटेन में रहने वाले उस सिख अलगाववादी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थीं जिस पर इंदिरा गांधी की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लेकिन राष्ट्रमंडल नागरिकों के बारे में ब्रिटेन के एक कानून के कारण वह उस सिख को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को पूरा नहीं कर पाईं थीं। गुरुवार को सार्वजनिक किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
संसद की कैंटीन से मोदी सरकार ने किया किनारा

संसद की कैंटीन से मोदी सरकार ने किया किनारा

आम जनता से सब्सिडी छोड़ने की अपील करने वाली सरकार के लिए संसद की कैंटीन को दी जा रही सब्सिडी मुसीबत बनती जा रही है। केंद्र सरकार ने अब इस मामले से किनारा करते हुए कहा है कि संसदीय समिति को इस तरफ ध्‍यान देना चाहिए। संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू का कहना है यह व्‍यवस्‍था काफी समय से चली आ रही है और इसका निर्णय भाजपा सरकार ने नहीं किया है।
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