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Search Result : "Indo-Nepal"

मोदी-मर्केल ने निवेश के लिए उद्योग जगत का किया आह्वान

मोदी-मर्केल ने निवेश के लिए उद्योग जगत का किया आह्वान

बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
भारत, अमेरिका, जापान की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक

भारत, अमेरिका, जापान की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक

भारत, अमेरिका और जापान के बीच बुधवार विदेश मंत्री स्तर की पहली बैठक होगी जो एशिया प्रशांत क्षेत्र की तीन शक्तियों की गोलबंदी प्रतिबिंबित करती है जबकि अधिकारियों का कहना है कि इसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और जापानी विदेश मंत्री फुमियो किशीदा संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर मिलेंगे।
बाबूराम भट्टराई का इस्तीफा, नेपाल में संकट बढ़ा

बाबूराम भट्टराई का इस्तीफा, नेपाल में संकट बढ़ा

पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के इस्तीफे से माओवादी पार्टी में दो-फाड़ की आशंका तेज, भारत का सीमा पर दबाव बढ़ा, आपूर्ति रोकने से जरूरी चीजों का संकट
नेपाल को लेकर पाकिस्तान में टि्वटर अभियान

नेपाल को लेकर पाकिस्तान में टि्वटर अभियान

संविधान निर्माण प्रक्रिया को लेकर नेपाल और भारत के ताजा तनाव पर पाकिस्तान में टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal टॉप ट्रैंड कर रहा है। कुछ दिन पहले नेपाल ने अपना धर्मनिरपेक्ष संविधान मंजूर किया है लेकिन उसमें मधेसियों को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने की धारणा के कारण नेपाल की तराई में हिंसा जारी है। भारत ने इस संबंध में नेपाल से अपना एतराज जाहिर किया है और कहा है कि मधेसियों का प्रश्न सुलझाए बिना नेपाल को अपना संविधान हड़बड़ी में लागू नहीं करना चाहिए था। नेपाल के कुछ तबकों में यह चर्चा रही है कि नए संविधान के तहत नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले लोगों के पीछे भारत के कुछ संगठनों का हाथ रहा है। टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal के तहत पाकिस्तान में नेपाल के प्रति समर्थन जताया जा रहा है। (नीचे चित्र में नेपाल सीमा में दाखिल होने का इंतजार करते हुए तेल के टैंकर।)
भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
संतुलन के दौर में मोदी की इस्राइल यात्रा

संतुलन के दौर में मोदी की इस्राइल यात्रा

पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित इस्राइल यात्रा 1992 में शुरू हुई लंबी प्रक्रिया की तार्किक परिणति है, ले‌किन ऐसे वक्त में हो रही है जब थोड़ा संतुलन साधने की जरूरत है।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
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