प्रोफेसर, युद्धबंदी: अरुंधती रॉय का विशेष निबंध व्हीलचेयर पर चलनेवाले इस लकवाग्रस्त अकादमीशियन से सरकार इतनी डरी हुई है, कि उसकी गिरफ्तारी के लिए उसे उसका अपहरण करना पड़ा। MAY 11 , 2015
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े। APR 29 , 2015