राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के करीब 50 समर्थक आजम खान राष्ट्रवादी की अगुवाई में अचानक अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाने की अपील की। मुसलिम समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोग गुरुवार शाम को अयोध्या पहुंचे और जुलूस की तरह सड़क पर ‘मुसलमानों हक और ईमान के साथ आओ, श्रीराम मंदिर का निर्माण कराओ’ के नारे लगाने लगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने ऐसे समय राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर जोर दिया है जब उत्तर प्रदेश विधानसभा में हार के बाद उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये जा रहे हैं।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से लोगों की परेशानियां बढ़ने पर भाजपा में भी विरोध के सुर शुरू हो गए हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए वित्त मंत्री ने कोई तैयारी नहीं की।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी को सार्वजनिक मंच पर जय श्रीराम के साथ-साथ नारा-ए-तकबीर और वाहे गुरु का खालसा का नारा भी लगाना चाहिये।
अरबपति अनिल अंबानी के बड़े बेटे जय अनमोल आज रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल में बतौर अतिरिक्त निदेशक शामिल हुए। अनमोल (24) बीते दो साल यानी 2014 से ही रिलायंस कैपिटल के विभिन्न वित्तीय सेवा कारोबारों के साथ काम कर रहे थे।
गुजरात के एक सार्वजनिक उपक्रम जीएमडीसी के साथ काम करने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी ने कथित तौर पर भारत माता की जय का नारा लगाने के लिए एक भारतीय कर्मचारी को नोटिस जारी किया है।
आगरा और मथुरा के दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल का मानना है कि गाय के गोबर से मोबाइल का रेडिएशन रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर गोबर लगा देने से उसके रेडिशन का प्रभाव नहीं पड़ता है।
यमुना किनारे आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव से पर्यावरण को हुए नुकसान के मद्देनजर पांच करोड़ का जुर्माना आर्ट ऑफ लिविंग पर लगाया गया था। इस जुर्माने को श्री श्री रविशंकर ने पूरी तरह चुका दिया है। एनजीटी ने आर्ट आफ लिविंग पर 5 करोड़ का हर्जाना लगाया था। इसमें से 25 लाख की रकम आर्ट आफ लिविंग ने 11 मार्च को कार्यक्रम से ठीक पहले अदा की थी। बाकी का जुर्माना पौने पांच करोड़ डीडीए को दे दिया गया है।
मीडिया में मथुरा हादसे के पीछे पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है। खबरों के अनुसार पुलिस बिना पूर्व तैयारी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अंजाम देने पहुंच गई थी और वह भी बिना हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ। पुलिस ने अगर यह लापरवाही की है तो उसे यह दोष दिया जा सकता है। लेकिन बेतुकी मांगों के साथ धरने की आड़ में 250 एकड़ की जमीन पर कब्जा करने वाले उन अतिक्रमणकारियों के साथ क्या सलूक होना चाहिए, जो कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे।