फसलों के उचित दाम और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आंदोलन में फूट डालने की भाजपा सरकार की कोशिशें बेअसर होती दिख रही हैं।
चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पुरे होने पर देश व्यापक विमर्श के दौर से गुजर रहा है,किसी को गाँधी याद आ रहे हैं,किसी को सत्याग्रह,किसी को अंग्रेजी शासन की क्रूरता, इस बीच जो याद नहीं किया जा रहा है वो है किसान।
जाट आरक्षण की आग अब हरियाणा से राजधानी दिल्ली पहुंच गई है। 20 मार्च को जाट आरक्षण आंदोलन को को लेकर दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिसके बाद दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों को आई-कार्ड दिखाना होगा। इतना ही नहीं रविवार रात 8 बजे के बाद कई मेट्रो स्टेशन बंद भी कर दिए जाएंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण जाट समुदाय को रिझाने की कोशिश करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी को उसके लिए सबसे बड़े दांव के रुप में पेश किया और कहा कि अजीत सिंह की अगुवाई वाला रालोद अथवा कोई अन्य दल उसके हितों की पूर्ति में मदद नहीं करेगा।
जाट आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जींद के गांव ईक्कस और पलवल में तीसरे दिन भी जारी रहा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने खाप चौधरियों तथा जाट मंत्रिायों पर जमकर निशाना साधा।
फिदेल कास्त्रो ने 1983 के गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में इंदिरा गांधी से गले मिलकर उनका अभिवादन किया था जो उनके भारत के साथ प्रगाढ़ संबंधों को प्रदर्शित करता था। भारत इस विख्यात जूझारू नेता को सदैव अपने एक बड़े मित्र के रूप में देखता रहा है।
जाट समुदाय ने फैसला किया है कि अगर यूपी विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय सेवाओं और हरियाणा में समाज के लोगों को आरक्षण नहीं मिला तो चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया जाएगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने यहां तक कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हेलीकॉप्टर भी नहीं उतरने दिया जाएगा।
मंच के कवि होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय कुमार विश्वास के मुताबिक केंद्र की सरकारों ने उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं दिया और राजनीतिक विचार नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी कार्यक्रमों तक में आमंत्रित नहीं किया जाता।