भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।
बंसी कौल ने कला जगत में कई बिरवे रौंपे। ये रौंपे अब वृक्ष बन कर लहलहा रहे हैं। अभिनय की नाल से निकले हजारों खिले हुए कमलों ने उनका नाम रोशन कर दिए। उन्हीं बंसी कौल के रंगकर्म पर हुआ अनूठा कार्यक्रम।
हरियाणा के पलवल के पास मंगलवार को कोहरे के बीच एक लोकल टेन लोकमान्य तिलक हरिद्वार एक्सप्रेस से टकरा गई जिससे एक टेन के चालक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि देश में केंद्र में किसकी और राज्य में किसकी सरकार है। खास कर जब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की बात होगी। यह तय है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य के पर्यटन स्थलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
प्रकाश झा सन 2003 में आई अपनी ही फिल्म गंगाजल का सीक्वेल बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय शोहरत से फिल्म को मदद मिलेगी।
आम भाषा में कहा जाए तो अब रसोइयों को भी पद्मश्री पुरस्कार मिल सकेगा। देश के नामी-गिरामी शेफ जिन्होंने भारत के साथ विदेश में भी नाम कमाया है उन्हें पद्मश्री दिए जाने की सिफारिश संस्कृति मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को भेजी है।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
कांग्रेस ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 23 जनवरी का दिन तय किए जाने की आलोचना करते हुए सरकार से मांग की है कि फाइलों को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
देश में सांपद्रायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से आहत होकर अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों की सूची में मलयाली लेखिका सारा जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है। जोसेफ को वर्ष 2003 में उनकी रचना अलहयूद पेनमक्कल के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।