दुनिया भर के युवाओं में खलबली मचा देने वाला मोबाइल गेम पोकेमोन गो अब भारत में भी उपलब्ध है। मोबाइल कंपनी रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए इस चर्चित गेम को पेश किया है।
यह पढ़ कर आश्चर्य मत कीजिए, क्योंकि यह बिलकुल सच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्पाद के प्रचार के लिए कोई अनुमति भी नहीं लेना है और बदले में सिर्फ 500 रुपये की रकम जुर्माने के तौर पर चुकाना है।
भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जारी बहस के बीच रिलायंस इंड्रस्टी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि पहले देश की बात होनी चाहिए न कि कला और संस्कृति की। अंबानी ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से एक बात को लेकर स्पष्ट हूं कि मेरे लिए देश पहले है। मैं एक बौद्धिक व्यक्ति नहीं हूं, एेसे में, मैं इन चीजों को नहीं समझता हूं लेकिन निसंदेह सभी भारतीयों की तरह मेरे लिए भारत सबसे पहले है।’’
लगभग एक दशक पहले कारोबार का बंटवारा कर अलग-अलग हुए अंबानी बंधु मुकेश और अनिल अब कारोबार में ही नजदीक आते प्रतीत हो रहे हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मंगलवार को रिलायंस कॉम की वार्षिक साधारण बैठक में कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी और उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो का वर्चुअल मर्जर हो चुका है।
इंटरकनेक्शन को लेकर जारी विवाद के बीच दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज आगे आते हुए कहा कि वह बातचीत के दौरान कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप को लेकर टेलीफोन कंपनियों को नोटिस जारी करेगा।
रिलायंस जियो इंफोकॉम के बाजार में प्रवेश के साथ ही टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कई कंपनियों के राजस्व पर भी इसका असर दिखाई देगा। पर, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल को भरोसा है कि रिलायंस जियो की कड़ी चुनौती के बावजूद उनकी कंपनी का बाजार में राजस्व हिस्सा मार्च 2018 तक बढ़ जायेगा।
रिलायंस जियो के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कोई डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
रिलायंस जियो को अगले दो-तीन साल में लाभ में आने के लिए 7.5 से 8 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं की जरूरत होगी जो अपने मोबाइल बिलों पर औसतन मासिक 180 रुपये खर्च करते हों।
संसद में पेश सीएजी (कैग) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पहले 22,842 करोड़ रुपये का रिलायंस जियो को 'अनुचित लाभ’ देने की बात कही गई मगर फाइनल रिपोर्ट में आश्चर्यजनक रूप से यह रकम घटकर 3,367 करोड़ रुपये हो गई। दिलचस्प यह है कि आरबी सिन्हा, जिनकी निगरानी में ये ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हुई, उनका इसी महीने तबादला हो गया।