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शाहिद की शादी में मौजां

शाहिद की शादी में मौजां

कल शाहिद कपूर दिल्ली की मीरा राजपूत के साथ विवाह बंधन में बंध जाएंगे। मीरा जहां आज होने वाले संगीत समारोह की तैयारी में व्यस्त हैं वहीं शाहिद अपनी बैचलर पार्टी में मस्त हैं। यह पार्टी कहां हो रही है यह तो किसी को नहीं मालूम लेकिन खबर है कि शाहिद के बेहद करीबी दोस्त उनकी बैचलर पार्टी में शामिल हुए हैं।
वाशिंगटन में बंगाली सम्मेलन

वाशिंगटन में बंगाली सम्मेलन

अमेरिका में रहने वाले बांग्लाभाषियों के लिए अगला सप्ताह यादगार होने वाला है। ह्यूस्टन में बांग्ला वार्षिक सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें मशहूर पार्श्व गायिका श्रेया घोषाल के साथ सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान अपनी प्रस्तुति देंगे।
बजरंगी भाईजान और कश्मीर से आतंकवाद का खात्मा

बजरंगी भाईजान और कश्मीर से आतंकवाद का खात्मा

बजरंगी भाईजान फिल्म के संगीत को जारी करते हुए हुए फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने कहा कि अगर सलमान कश्मीर में शूटिंग कर सकते हैं तो कोई भी कर सकता है। अब इस कहने के मायने क्या हैं यह तो कबीर खान ही जानें। आखिर सलमान में ऐसा क्या है जो वह कश्मीर जाएंगे तो बाकी भी जा सकते हैं। खैर सलमान खान ने पहली बार घाटी में लंबे समय तक फिल्म की शूटिंग की और उनका अनुभव काफी अच्छा रहा।
हत्यारी करीना

हत्यारी करीना

इस साल से शुरू हुई अटकलों को विराम मिल गया है। अब यह तय हो गया है कि करीना कपूर राजकुमार गुप्ता की अगली फिल्म में काम करने को तैयार हैं। इसी साल की जनवरी में खबर आई थीं कि राजकुमार गुप्ता उन्हें अपनी नई फिल्म में लेना चाहते हैं, पर तारीख की समस्या के चलते कुछ भी तय नहीं था। अब इस महीने सलमान खान के साथ बजरंगी भाईजान के रीलिज होने के बाद वह इस फिल्म के लिए समय देंगी।
समीक्षा - रंगीले की रंगीनियत

समीक्षा - रंगीले की रंगीनियत

ज्यादातर भारतीय फिल्म निर्देशक ‘पोस्ट इंटरवेल ब्लू’ यानी मध्यांतर के बाद फिल्म को झुला देने की आदत से पीड़ित रहते हैं। तो कुछ हद तक गुड्डू रंगीला के निर्देशक सुभाष कपूर भी इससे बच नहीं पाए हैं। लेकिन यदि खाप पंचायत के सामने लड़कियों की स्थिति पर एक शानदार तकरीर वाले दृश्य पर विचार किया जाए, आखिरी दृश्य में शोले स्टाइल की लड़ाई और इस तरह के दृश्यों को देखें तो लगता है कि भारतीय दर्शकों के लिए भी यह सब जरूरी है। आखिर बुरा आदमी लहूलुहान हो कर पिटे ही न, उससे परेशान दो लड़कियां हीरो स्टाइल में उसे गोली न मारे तो क्या मजा। आखिर यह मजा ही दर्शकों को सिनेमाघर में खींचता है।
गुलजार की लकीरें

गुलजार की लकीरें

28 जून को दिल्ली का सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम गुलजार के चाहने वालों से भरा हुआ था। आखिर गुलजार के नज्मों और कहानियों का मंचन जो होने वाला था।
रोहित से डांट खाते हैं शाहरूख

रोहित से डांट खाते हैं शाहरूख

शाहरूख खान रोहित शेट्टी के साथ इन दिनों दिलवाले फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। सब कुछ तो ठीक है लेकिन बेचारे समय पर नहीं पहुंच पाते और इस वजह से रोहित शेट्टी से डांट खाते हैं। शाहरूख खान कहते हैं कि समय का पाबंद न होने से रोहित के साथ काम करना मुश्किल होता है।
जुबेर एक फिल्में चार

जुबेर एक फिल्में चार

एक और मॉडल फिल्मी परदे पर दस्तक दे रहा है। मॉडल से एक्टर बने जुबेर के. खान इस साल बड़े परदे पर चार फिल्मों में दिखेंगे। खास बात यह कि पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत की जिंदगी पर बन रही फिल्म ‘वो कौन थी’ में जुबेर उनके अपोजिट होंगे। वहीं अनुराग बसु के एसोसिएट रहे दिगंबर शर्मा की फिल्म ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ में भी जुबेर अहम किरदार में दिखेंगे। ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। इसके अलावा पेन कैमरा इंटरनेशनल के बैनर तले बन रही फिल्म ‘सोल’ और ‘द ड्रीम जॉब’ भी उनके खाते में है।
समीक्षा – टनकपुर का कानून

समीक्षा – टनकपुर का कानून

पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने विनोद कापड़ी की पहली फिल्म मिस टनकपुर हाजिर हो बॉक्स ऑफिस के कमाई के रिकॉर्ड तोड़ पाएगी या नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अपनी पहली ही फिल्म में विनोद कापड़ी ने बता दिया है कि यह एक जरूरी फिल्म है।
आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
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