असल में यह पोस्टर एक सीरीज का हिस्सा है, जिसमें किसी असली या काल्पनिक प्रभावशाली व्यक्ति की तस्वीर लगाकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। इस सीरीज में महात्मा गांधी और बाहुबली को भी दिखाया जा चुका है।
निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।
बेफिक्रे, उड़ता पंजाब, लिपस्टिक अंडर माय बुर्क़ा से शुरू हुई परम्परा को निभाते हुए 'सेंसर बोर्ड' के मुखिया 'पंकज निहलानी' एक बार फिर आगे आये हैं। इस बार उनके अनुशासन की छड़ी चली है शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'हैरी मेट सेजल पर'।