उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब सपा सरकार बनेगी तो हम चांद पर लोहिया आवास देंगे। यह बात उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कही।
पहली मई से देश में रियल एस्टेट कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद तीन माह के भीतर सभी रियल एस्टेट कारोबारियों को रिय एस्टेट रेगुलेटर्स के पास अपना पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा कानूनी कारवाई के लिए तैयार रहें।
देश के 9 प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की अवधि में घरों की बिक्री 12 प्रतिशत बढ़कर 54,721 इकाई रही। ऑनलाइन रीयल एस्टेट पोर्टल प्रॉप टाइगर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, 9 प्रमुख शहरों- मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुर, अहमदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और पुणे में घरों की बिक्री इससे पिछली तिमाही के 55,000 इकाई के आंकड़े से एक प्रतिशत कम रही। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरों की कुल बिक्री में मुंबई, पुणे और बेंगलुर का हिस्सा 57 प्रतिशत का रहा।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को साफ कहा कि यूपी में उनकी पार्टी की तरफ से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अभी निश्चित नहीं है। चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी से मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह फैसला पार्टी का पार्लियामेंट बोर्ड करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला संसदीय बोर्ड पर छोड़ दिया जाना चाहिए। मुलायम के इस बयान के बाद सपा की राजनीति सूबे में गरमा सकती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक कुनबे में संतुलन बनाने के दो ही दिन बाद ‘वोट बैंक’ अपने पाले में करने का प्रयास करते नजर आए। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिये बगैर उन्हें अहसान फरामोश कह दिया। साथ ही उन्होंने चीन, सीमा सुरक्षा, कश्मीर पर केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने देश में किराये के मकानों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि किराये के मकान असल में स्वामित्व वाले मकानों के बजाय ज्यादा समावेशी हैं, जिस पर सरकारें विशेष जोर देती रही हैं।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।