अपने परिवार को हमेशा मीडिया और लाइमलाइट से दूर रखने वाले बॉलीवुड के स्टार एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर अपने बेटे की एक बहुत ही बेहतरीन फोटो साझा की है।
ओडिशा के भद्रक में भगवान श्रीराम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। जिला प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एहतियातन स्कूल-कॉलेजों को बुधवार तक के लिए बंद कर दिया है।
मथुरा विधान सभा सीट से चुनावी समर में पहली बार उतरे भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा मथुरा को विश्व के अन्य धार्मिक आस्था के केंद्र वाले शहरों वेटिकन सिटी और मक्का-मदीना के समान ही विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला शहर बनाना चाहते हैं।
आरएसएस के विद्रोही नेता सुभाष वेलिंगकर की तुलना भगवान कृष्ण से करते हुए शिवसेना ने आज दावा किया कि अगले साल गोवा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए वेलिंगकर गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों का मार्गदर्शन करेंगे।
अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर वैचारिक हमला किया है। काटजू ने गांधी को फ्राड और पाखंडी बताया है। उन्होंने कहा है कि गांधी की वजह से देश को आजादी नहीं मिली है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? काटजू ने लिखा- जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।
फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फ्रेंस 2016 को भाषा तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की बेमिसाल सफलता का उत्सव कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाषाई कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह सलाना उत्सव इस साल नई दिल्ली के द सूर्या होटल में बीते सप्ताहांत में आयोजित किया गया। दुनियाभर से करीब सौ से अधिक लोग इस कार्यक्रम में शरीक हुए।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू की बिहार को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह प्रदेश के माई बाप बनने की कोशिश कर रहे हैं।
केरल में ओणम मनाने की तैयारी के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस त्यौहार से जुड़ी किवदंती पर सवाल खड़ा कर नया विवाद पैदा कर दिया है। संघ के मुखपत्र केसरी में छपे एक लेख में ओणम मनाए जाने की मान्यता पर सवाल खड़ा किया गया है।