दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र जारी किया।जिसमें दिल्ली की साफ-सफाई के साथ 10 रूपय में भोजन देने का भी वादा किया है।
स्वराज इंडिया ऐसी पहली पार्टी है जिसने पर्यावरण के मुद्दे को केंद्रीय मुद्दा बनाया है। आज तक किसी पार्टी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है। अब पार्टी दिल्ली के स्वास्थ्य निर्माण की दिशा में कदम उठाएगी।
लगता है भाजपा को देश के सारे चुनाव जीतने का वरदान सा मिल गया है। यूपी की रिकार्ड तोड़ जीत के बाद देशभर के उप चुनाव के परिणाम शायद इस ओर ही इशारा कर रहे हैं। परंपरागत दलीय व्यवस्था के बीच देश की राजधानी दिल्ली में वैकल्पिक राजनीति का चेहरा बनकर उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी इस बार भाजपा ने पटखनी दे दी है। दिल्ली की पंजाबी बाहुल्य राजौरी गार्डन सीट पर भाजपा ने अपना विजय परचम तो लहराया है, यह भाजपा और मोदी के युग में कोई बड़ी बात नहीं हो सकती लेकिन यहां से सत्ताधारी आप के प्रत्याशी की जमानत का जब्त होना दिल्ली की राजनीति की एक दूसरी तस्वीर अवश्य पेश कर रहा है।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: ने कुछ जानकारियां सार्वजनिक ना करने के लिए देशभर में बोर्ड के मान्यता प्राप्त 2000 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
दिल्ली नगर निगम के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर चल रहे तीन सौ से अधिक निजी स्कूलों को आगामी अकादमिक सत्र के लिए फीस ना बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
पंजाब में मिली कामयाबी के बाद कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए बतौर स्टार प्रचारक मैदान में उतारेगी। कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इस खबर की पुष्टि की है।
यूपी चुनावों में भाजपा की जीत के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी अपना पक्ष रखा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी माह में होने वाले एमसीडी चुनावों को बैलेट पेपर द्वारा कराने की बात कही है।
देश के छोटे बड़े शहरों में भारी-भरकम स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स तथा पानी की बोतल लेकर झुकी कमर और तिरछी चाल चलते मासूम स्कूल आते जाते दिख जाएंगे। इन मासूमों से स्कूली बस्ते सहजता से उठते भी नहीं, लेकिन वे स्कूल बैग ढोने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने वजन का 35 प्रतिशत बोझ बस्ते के रूप में रोजाना पीठ पर ढोते हैं।