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भाजपा शासित राज्य ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाएंगे पीएम का बर्थडे, यूपी में होगा दीवाली जैसा जश्न

भाजपा शासित राज्य ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाएंगे पीएम का बर्थडे, यूपी में होगा दीवाली जैसा जश्न

17 सितंबर यानी कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। कल पीएम 67 साल के हो जाएंगे और इस खास मौके को और...
जन्मदिन विशेष: राजीव भाटिया के अक्षय कुमार बनने तक के कुछ दिलचस्प किस्से

जन्मदिन विशेष: राजीव भाटिया के अक्षय कुमार बनने तक के कुछ दिलचस्प किस्से

1994 में अक्षय ने श्री देवी के साथ एक फिल्म की थी, 'मेरी बीवी का जवाब नहीं', लेकिन इसकी शूटिंग पूरी नहीं हो पाई थी और दस साल बाद इसे बिना क्लाइमैक्स के ही रिलीज कर दिया गया। अक्षय ने कॉफी विद करन के एक एपिसोड में यह बात बताई थी।
इशांत शर्मा को सहवाग ने अनोखे अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई, उनसे जुड़ी 10 खास बातें

इशांत शर्मा को सहवाग ने अनोखे अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई, उनसे जुड़ी 10 खास बातें

साल 2007 में बांग्‍लादेश दौरे से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करने वाले इशांत शर्मा भारत के सबसे लंबे क्रिकेटर है। इशांत की लंबाई 6 फीट 4 इंच है। इशांत का जन्‍म 2 सितंबर 1988 को दिल्‍ली में हुआ था।
जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

हमारे देश में टैक्स पर बहस अब भी चल रही है और जातिवाद, क्षेत्रवाद तो इस देश की पुरानी समस्याएं हैं। मशहूर साहित्यकार, व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्मदिन पर इन विषयों पर उनके दो सशक्त व्यंग्य।
पापा के बर्थडे पर वरुण धवन ने गिफ्ट किया ‘जुड़वा-2’ का खास पोस्टर

पापा के बर्थडे पर वरुण धवन ने गिफ्ट किया ‘जुड़वा-2’ का खास पोस्टर

फिल्म निर्माता डेविड धवन के बर्थडे पर उनके बेटे अभिनेता वरुण धवन ने इस दिन को खास बनाने के लिए अपने पिता को एक शानदार गिफ्ट दिया है।
किशोर कुमार: आती रहेंगी बहारें

किशोर कुमार: आती रहेंगी बहारें

मध्य प्रदेश के खंडवा में एक बंगाली परिवार में जन्म लेकर सपनों के शहर मुम्बई तक 'आभास कुमार गांगुली से 'किशोर कुमार' बनने तक का सफर तय करने वाले सदाबहार किशोर कुमार का आज 88वां जन्मदिन है।
इमरजेंसी बेअसर : इंदू सरकार

इमरजेंसी बेअसर : इंदू सरकार

एक लंबे चौड़े डिस्क्लेमर के बाद बस पांच मिनट में ही दर्शकों को पता चल जाता है कि दरअसल असली "इंदू सरकार" कौन है। लचर नरैशन, उससे भी ढीली पटकथा और अपने पात्र को स्थापित करने के लिए ही मधुर भंडारकर आधा घंटा लेते हैं। मधुर ने फिल्म ऐसे बनाई है जैसे आपातकाल आज लगा हो और उन्हें हर कदम फूंक-फूंक कर रखना है। वरना सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसा कुछ होगा और वह सीधे तिहाड़ दर्शन कर लेंगे।
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