साल 2014 बैच के आईएएस अधिकारियों से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उन्हें संदेश दिया कि नीति पर राजनीति कभी हावी नहीं होनी चाहिए।
कोझीकोड में चल रहे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का आज आखिरी दिन था। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ ही बैठक समाप्त हो गई। लेकिन कुछ नेताओं की नाराजगी को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को बिहार के नालंदा में कहा कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थाओं को खुली अभिव्यक्ति का केंद्र होना चाहिए और वहां वाद-विवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
‘पाकिस्तान नरक नहीं है’ और ‘वहां के लोग भी हमारी ही तरह हैं’ जैसी टिप्पणी करने पर अभिनेत्री से नेता बनी राम्या विवादों में फंस गई हैं। कर्नाटक की एक अदालत में अर्जी देकर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि राम्या की टिप्पणी से भारतीय देशभक्तों का अपमान हुआ है। हालांकि राम्या ने कहा है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है इसलिए वह कतई माफी नहीं मांगेगीं।
महंगाई से अभी कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मानसून उम्मीद के मुताबिक बेहतर रहा है लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों ने महंगाई में कमी नहीं होने का आकलन लगाया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शब्द बाणों की लड़ाई शुरू हो गई है। बाण भी ऐसे-वैसे नहीं सांप्रदायिकता के जहर बुझे। मेरठ के सरधना में भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम ने ऐसा ही भड़काऊ भाषण देकर माहौल गर्म कर दिया है।
पाकिस्तानी सांसदों की अधिकार प्राप्त समिति ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में आम जनता पर हो रहे अत्याचार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों की पुष्टि की है। गिलगिट-बाल्टिस्तान के दौरे के बाद समिति के प्रमुख ताज हैदर ने कहा कि हालात उससे भी बदतर हैं, जितना हमने सुना था। समिति के दौरे के बाद अवामी एक्शन कमेटी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। अवामी एक्शन कमेटी गिलगिट-बाल्टिस्तान के 23 धार्मिक और राजनीतिक दलों का संगठन है। जाहिर है अपने ही सांसदों की समिति ने गिलगिट-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के मंसूबों को सार्वजनिक कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में न्यायाधीशों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं होने को लेकर प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर द्वारा निराशा जताए जाने पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को शीर्ष न्यायाधीश की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।
देश में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच लगता है तकरार अभी भी चल रही है। इसकी झलक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिखाई दी। देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने पीएम के भाषण में एक बेहद जरूरी मुद्दे का जिक्र नहीं करने पर निराशा जताई। जस्टिस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया।
आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाले अपने भाषण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से सुझाव मांगे हैं।