वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स एंटीगा में पहले क्रिकेट टेस्ट से पूर्व भारतीय टीम के होटल में आये और कप्तान विराट कोहली ने उनसे मिली सलाह को अनमोल करार दिया।
सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।
अमेरिका के प्रसिद्ध लिंकन सेंटर में हर साल आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव में इस वर्ष दक्षिण भारत की कला और संस्कृति आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगी।
न्यूजीलैंड के महान क्रिकेटर सर रिचर्ड हैडली ने डे-नाइट (दिन-रात्रि) टेस्ट मैचों को आगे बढ़ाने के बारे में बुधवार को कहा कि यह भविष्य के लिये फायदेमंद है क्योंकि यह सिर्फ दर्शकों को ही आकर्षित नहीं करेगा बल्कि टीवी के दर्शकों के लिये भी ज्यादा मुनासिब होगा।
दिल्ली के बच्चे अपने शब्दों को संगीत की धुनों में पिरोकर लोगों के सामने पेश करने के लिए तैयार हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे दिल्ली की झुग्गी बस्तियों के हैं। इस तरह के बच्चों का यह तीसरा वार्षिक संगीत कार्यक्रम है।
भूषण कुमार म्यूजिक वीडियो के सुनहरे दौर को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय संगीत में म्यूजिक वीडियो का दौर बहुत ही जल्दी खत्म हो गया था। अब दोबारा इसके दिन फिरने वाले हैं।
जाने-माने संगीतकार एमएस विश्वनाथन का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लगभग 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर विश्वनाथन को चेन्नई में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
बेटी बचाओ के जज्बे के साथ बरखा बहार नाम से एक संगीतमय समारोह का आयोजन नंदिनी फाउंडेशन और पीपल फर्स्ट की ओर से दिल्ली के मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया। समारोह में गायिका मंदाकिनी बोरा के सावन पर गाए गीतों और सुफियाना गीतों ने लोगों को झूमने और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका पूजा झा के गीत भी लोगों को खूब पसंद आए।
नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-