विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
विद्युत संशोधन विधेयक, 2014 का विरोध कर रहे बिजलीकर्मियों तथा अभियंताओं की एक राष्ट्रीय समिति ने मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश किए जाने वाले दिन देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने सोमवार को लखनऊ में बताया कि बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर देश के 12 लाख बिजली कामगार और इंजीनियर संसद के मानसून सत्र के दौरान एक दिन की हड़ताल के लिए तैयार हैं।
मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
भूमि विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयपुर में शुक्रवार को कहा कि यदि भूमि विधेयक मानसून सत्र के दौरान संसद में आता है तो उनकी पार्टी इसे पारित नहीं होने देगी। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा कि किसान छह महीने में उनके 56 इंच के सीने को 5.6 इंच के सीने में बदल कर रख देंगे और एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
मानसून पूर्व नीति आयोग की राजनीति से लोकसभा के मानूसन सत्र और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर घनघोर काली घटाएं मंडराने लगी हैं। मतलब लोकसभा में गर्जन-तर्जन होगा, बिजली कड़केगी, विपक्ष की बौछार तेज पड़ेे और संसद बाधित होती। 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र से पहले नीति आयोग की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जिनमें चेक बाउंस होने के मामले में नेगोशिएबल इंस्टूमेंट अधिनियम के अलावा मर्चेंट शिपिंग अधिनियम में संशोधन, बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएन) के बीच यात्री, निजी एवं कार्गो वाहनों के यातायात को नियंत्रित करने के मद्देनजर बीबीआईएन मोटर-वाहन समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी है।
केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर किसान नेताओं से मुलाकात की। किसान संगठनों ने भू-स्वामियों की मर्जी के खिलाफ जमीन न लेने और देश में आजादी के बाद हुए भूमि अधिग्रहण पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग उठाई है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तीसरी बार लागू करने के निर्णय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यह विधेयक उनके लिए जीवन या मरण का विषय नहीं है और वह इस बारे में कोई भी सुझाव स्वीकार करने को तैयार हैं।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के एक साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के एक साल के लेखे-जोखे के साथ शुक्रवार को मीडिया के सामने आए। वैसे लोगों को उम्मीद थी कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सामने आएंगे मगर ऐसा नहीं हुआ। जेटली ने पहले सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और फिर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।
लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के साथ अब यह तय हो गया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस विधेयक को लेकर जोर आजमाइश अब संसद के मानसून सत्र तक टल गई है।