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वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

गायिका मुबारक बेगम के जाने की ख़बर आयी तो दिल बैठ गया। मेरा उनसे करीब दस साल पुराना नाता रहा है। ज़माने ने वो हक़ मुबारक बेगम को कभी नहीं दिया जिसकी वो हक़दार थीं। मुबारक बेगम को ज्याकदातर बस फिल्मय ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाोईयों में यूं हमारी याद आयेगी/ अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’...के ज़रिये याद कर लिया जाता है। या फिर ‘मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हमराही’ (फिल्मं हमराही)। लेकिन मुबारक बेगम ‘वन सॉन्गा वंडर’ नहीं थीं।
मसूद का दावा, कंधार के बाद पैसों के बल पर तालिबान से भारत ने मुझे पाना चाहा

मसूद का दावा, कंधार के बाद पैसों के बल पर तालिबान से भारत ने मुझे पाना चाहा

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने दावा किया है कि भारत ने पैसों के बल पर तालिबान से उसे खरीदने की कोशिश की थी। उसने कहा कि 1999 में कंधार में अपहरण किए गए भारतीय विमान आईसी-814 के यात्रियों और क्रू की अदला-बदली करने के बाद भारत ने तालिबान सरकार को पैसे की पेशकश की थी ताकि वो मसूद और उसके दो अन्य साथियों को पकड़कर उसेे सौंप दे।
मुहम्‍मद अली पार्किन्‍संस से नहीं जीत सके, 74 साल की उम्र में अमेरिका में निधन

मुहम्‍मद अली पार्किन्‍संस से नहीं जीत सके, 74 साल की उम्र में अमेरिका में निधन

अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्‍केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्‍संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्‍स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्‍कत हो रही थी।
अलविदा मुहम्‍मद अली :  पूरे कैरियर में सहे 29000 मुक्के, कमाए 5.7 करोड़ डॉलर

अलविदा मुहम्‍मद अली : पूरे कैरियर में सहे 29000 मुक्के, कमाए 5.7 करोड़ डॉलर

दुनिया में मुक्‍केबाजी के पर्याय मुहम्‍मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्‍कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्‍हें पार्किन्‍संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।
क्या संघ जुटा पाएगा भारतीय नोबेल के लिए 200 करोड़

क्या संघ जुटा पाएगा भारतीय नोबेल के लिए 200 करोड़

भारतीय संस्कृति और भारत के रुतबे को दुनिया में बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नोबेल की तरह एक पुरस्कार शुरू करना चाहता है। इस पुरस्कार में भी शांति, सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
शांति का नोबेल ट्यूनिशिया नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को

शांति का नोबेल ट्यूनिशिया नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को

वर्ष 2015 का नोबेल शांति पुरस्कार किसी व्यक्ति को न देकर ट्यूनिशिया के नेशनल डायलॉग क्वार्टेट (राष्ट्रीय संवाद चतुष्टक) को देने की घोषणा की गई है। वर्ष 2011 में ट्यूनिशिया में हुई जैसमिन क्रांति के बाद देश में बहुलवादी लोकतंत्र की स्‍थापना में इस डायलॉग क्वार्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
साहित्य का नोबेल श्वेतलाना एलेक्सिविच को

साहित्य का नोबेल श्वेतलाना एलेक्सिविच को

वर्ष 2015 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार बेलारूस की लेखिका श्वेतलाना एले‌क्सिविच को देने की घोषणा की गई है। हमारे वक्त में अपने बहुस्वरीय लेखन के जरिये व्यथा एवं साहस को ध्वनित करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा।
मलाला के हमलावर छूटने से अमेरिकी सांसद भी दुखी

मलाला के हमलावर छूटने से अमेरिकी सांसद भी दुखी

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई को गोली मारने वाले 10 लोगों में से 8 को रिहा किए जाने से स्तब्ध एक अमेरिकी सांसद ने कहा है कि इससे पाकिस्तानी लड़कियों को संदेश जाएगा कि सरकार उनकी रक्षा नहीं करेगी।