पशु बाजार संबंधित केन्द्र के फैसले को लेकर विवाद जारी है। इस बीच आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने गौहत्या पर लगाई गई पाबंदी पर केंद्र सरकार का समर्थन किया।
हर बढ़ते दिन के साथ नैनीताल की नैनीझील का जलस्तर कम होता जा रहा है। अब सवाल उठ रहा है, क्या एक दिन यह खबसूरत झील मैदान में तब्दील हो जाएगी। घूमा फिर कर ये पांच वजह हैं, जिनके कारण नैनी झील संकट में है।
श्रीनगर एयरपोर्ट पर ग्रेनेड लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले सेना के एक जवान को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार गया। इस जवान की पहचान गोपाल मुखिया के तौर पर की गई है। ये जवान 17 JAK राइफल्स का है, जो नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक उरी सेक्टर में तैनात था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने प्रदेश के 100 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्कूलों पर बच्चों को कच्ची उम्र में असहिष्णुता का पाठ पढ़ाने का आरोप है। सौ स्कूलों की इस सूची में पांच राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं। इसमें अधिकतर निजी स्कूल केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 6 दिसंबर से प्रथम अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी करेंगे। इस महोत्सव में देश और दुनिया के विभिन्न धर्मगुरू और अन्य हस्तियां भाग लेंगी। इसी दिन कृष्णा सर्किट का भी शिलान्यास होगा जो राज्य में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल है।
मोम की मूर्तियों के लिए दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित करने वाला मैडम तुसाद का संग्रहालय अब भारत में भी होगा। यह संग्रहालय देश की राजधानी नई दिल्ली के हृदय स्थल कनॉट प्लेस में खुलेगा और इससे पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
राजस्थान में पर्यटन मौसम के शुरू होते ही पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है लेकिन नोटबंदी के कारण राजस्थान में आने वाले पर्यटकों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। पर्यटकों, होटलों, रेस्तराओं और टैक्सी आपरेटरों सहित पर्यटन से जुड़े उद्योगों को प्रतिदिन के खर्च का भुगतान करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान के आईएएसई विश्वविद्यालय सरदारशहर और श्री भंवरलाल डूगड़ आयुर्वेद विश्वभारती संस्थान ने संयुक्त रूप से राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में शिविर लगाकर डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की मुफ्त जांच की और उन्हें संबंधित दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।