Advertisement

Search Result : "Peaceful transition"

शाहीन बाग अब एक विचारधारा, प्रदर्शन करने वाले सीएए नहीं मोदी का कर रहें विरोध : रविशंकर प्रसाद

शाहीन बाग अब एक विचारधारा, प्रदर्शन करने वाले सीएए नहीं मोदी का कर रहें विरोध : रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को दिल्ली स्थित शाहीन बाग में पिछले एक...
जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं, कहीं भी हो सकता है शांतिपूर्ण विरोध, चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पर कोर्ट

जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं, कहीं भी हो सकता है शांतिपूर्ण विरोध, चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पर कोर्ट

पुरानी दिल्ली के दरियांगज में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में...
जामिया ने एचआरडी मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट, सरकार का दावा- 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हालात शांतिपूर्ण

जामिया ने एचआरडी मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट, सरकार का दावा- 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हालात शांतिपूर्ण

जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने परिसर में पुलिस कार्रवाई के घटनाक्रमों के बारे में...
प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

भारत यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पड़ोसी देश के राजनीतिक परिवर्तन से गुजरने के बीच भारत ने वहां सभी वर्गों की आकांक्षाओं को समावेशित कर देश के संविधान के क्रियान्वयन की वकालत की और इस हिमालयी राष्ट्र में चीन द्वारा अपने पैर जमाने की कोशिशों के बीच उसे सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जाट आरक्षण आंदोलन: दूसरे दिन भी जारी, पर फीका रहा असर

जाट आरक्षण आंदोलन: दूसरे दिन भी जारी, पर फीका रहा असर

हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।