पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि मुद्दे की बात ये है कि उन लोगों की हत्या हो रही है जो दक्षिणपंथी अतिवादी राजनीति के विरोधी हैं।
आरबीआई ने एक संसदीय समिति को जानकारी दी है कि उसे यह नहीं पता है कि 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के बाद कितनी बेहिसाबी नकदी को वैध धन में बदला गया है।
रघुराम राजन ने अपनी किताब 'I Do What I Do: On Reforms Rhetoric and Resolve' में नोटबंदी से जुड़ी कई बातों का भी उल्लेख किया है। किताब में राजन ने लिखा है कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी आरबीआई ने नोटबंदी पर फैसला नहीं लिया था।
विपक्ष की ओर से कहा जा रहा है कि सरकार के द्वारा नोटबंदी का फैसला विध्वशंक रहा। हालांकि सरकार नोटबंदी के फायदे गिना रही है, साथ ही कह रही है कि नोटबंदी का जीडीपी की ग्रोथ में आई गिरावट से कोई लेना-देना नहीं है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद में एक फीसदी की कमी से 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है, जबकि दो फीसदी की गिरावट तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान है।
इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की ग्रोथ तीन साल के न्यूनतम स्तर पर 5.7 पर आ गई है। जीडीपी गिरने का एक कारण नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी को भी माना जा रहा है।