उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई सियासी सरगर्मी के बीच अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आज सपा और भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में भाईचारा खत्म करने का प्रयास इस बार सफल नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।
राजनीतिक गलियारों में इन दिनो दावे किए जा रहे हैं कि अजित सिंह की पार्टी रालोद और समाजवादी पार्टी में 'डील' हो चुकी है और इसकी बस घोषणा होनी बाक़ी है। मगर वहीं अजित सिंह को निकट से जानने वालों की मानें तो दिल्ली अभी दूर है। बक़ौल उनके सिंह अभी कम से कम एक बार ताश के पत्ते और फेंटेंगे और अन्य सम्भावनाओं को टटोलने का पुनः प्रयास करेंगे ।