देशभर में कई जगहों पर NIA की छापेमारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत के कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है। गौरतलब है कि छापों के बाद कई अलगाववादियों के पाकिस्तान से फंड लेने के बात सामने आ रही है। इनके बाद पुलिस ने हुर्रियत के कई नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया है।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी सामने आई है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का है। यहां पुलिस स्टेशन में बंद आरोपी को भाजपा नेताओं द्वारा जबरदस्ती छुड़ाकर ले जाया गया।
दिल्ली सरकार की ओर से तीन सौ करोड़ रुपये की एस्पाइयरी दवा खरीदने व घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने जांच शुरू कर दी है और इस सिलसिले में कई जगह छापेमारी की है। समझा जाता है कि दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस नेता बाबा सिद्दकी और रफीक मकबूर कुरैशी के अलग अलग ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग मामले में की गई है। बाबा पर आरोप है कि मुंबई स्थित बांद्रा के स्लम एरिया के विकास के नाम पर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया गया है। इसके अलावा एक जमीन के टुकड़े के विवाद के चलते दाऊद ने बाबा को धमकी भी दी थी कि तुम्हारी फिल्म बनवा दूंगा, ‘एक था एमएलए’।
कोलकाता पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए भाजपा नेताओं को आज अदालत के सामने पेश किया है। भाजपा नेताओं ने अपने पार्टी के लोगों पर हो रहे हमले और बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में गुरुवार को यह प्रदर्शन किया था, जिसने बाद में हिंसक रुप धारण कर लिया।
बीती रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार के घर पर एसीबी ने छापा मारा है। पीडब्ल्यूडी घोटाले के आरोपों के चलते केजरीवाल के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के घर पर रेड डाली गई।
लालू यादव की बेटी व दामाद तथा पी चिदम्बरम व उनके बेटे के ठिकानों पर जांच एजेंसियों के छापों से राजनीति एकाएक गरमा गई है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता से सरकार घबरा गई है जिसके चलते सारी कार्रवाई की जा रही है।
जब वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथी उभार का वक्त माना जा रहा हो ऐसे समय में फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर इमैनुएल मैक्रों का चुना जाना लोगों को हतप्रभ कर रहा है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात एक ‘नौसिखिया युवा’ होकर खांटी नेताओं को पटखनी देना है। वे 39 साल की उम्र में फ्रांस की मुख्यधारा की वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों को हराकर सबसे युवा राष्ट्रपति बने हैं।