आम आदमी को तो छोड़िए न्यूटन को भी शायद ईवीएम पर भरोसा नहीं है। ऐसा कयास इसलिए क्योंकि टेलेंटेड राजकुमार राव अपनी अगली फिल्म के पोस्टर में ईवीएम लेकर भाग रहे हैं। पोस्टर पर लिखा है, सीधा आदमी उल्टी दुनिया।
अमीश की पुस्तक का पोस्टर ही नहीं ट्रेलर भी लॉन्च होगा। वह संभवतः भारत के पहले ऐसे लेखक हैं, जिन्हें प्रकाशक ने पांच करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान कर दिया था, जबकि उन्होंने पुस्तक के बारे में सोचना भी शुरू नहीं किया था
ट्रैप्ड हिंदी सिनेमा के लिए नई तरह की फिल्म है। विक्रमादित्य मोटवानी कुशल निर्देशकों की कतार में शामिल हैं। इस बार बिना गाने, कम संवाद और लगभग तामझाम वीहिन एक प्रयोगधर्मी फिल्म उनके खाते में है।
विराट कोहली की बल्लेबाजी पर उंगली उठाने के लिये उनके बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने जेम्स एंडरसन को आज यहां आड़े हाथों लेते हुए उनके बयान को बचकाना करार दिया और कहा कि इंग्लैंड के इस तेज गेंदबाज को कोई टिप्पणी करने से पहले खुद के प्रदर्शन पर गौर करना चाहिए।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र से भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी पलटी मार गए। उम्मीद से उलट ‘समानता सम्मेलन’ में उन्होंने पार्टी को लेकर ऐसी कोई बात नहीं की जिससे पार्टी हाईकमान को उनके विरूद्ध कार्रवाई का मौका मिल सके। इसके उलट सम्मेलन में अन्य दिनों के मुकाबले वह अधिक संयमित दिखे और कई बार प्रधानमंत्री की तारीफ में जुमले भी उछाले।
एक बेहद प्रतिभाशाली युवा से विश्व स्तरीय बल्लेबाज तक विराट कोहली की तरक्की में गुरुवर राजकुमार शर्मा का योगदान किसी से छिपा नहीं है। 2014 में शिक्षक दिवस पर इस शिष्य ने अपने सख्त कोच को इतना भावुक कर दिया कि उसे वह कभी नहीं भुला सकेंगे। अनुभवी खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली की किताब ड्राइवन में इस घटना का जिक्र किया गया है।
महाराष्ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की टिप्पणी के बाद शिवेसना ने भाजपा पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों पर मोटी रकम खर्च नहीं की जाती है। बडोले ने कहा था कि राज्य में आरक्षण पर निकाले जा रहे मराठा मार्च धन बल की वजह से कामयाब हो रहेे हैंं।
जाट आरक्षण के मुखर विरोधी रहे भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पर आज कुरुक्षेत्र में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पांच युवकों ने स्याही फेंकी और उन्हें थप्पड़ मारा।
प्रोफेसर रघुवंश की पुस्तक हम भीड़ के लोकार्पण में दिल्ली आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने सियासी बोलों की कोई कमी नहीं रखी। समाजवादी रघुवंश के बहाने उन्होंने अपने आपातकाल के किस्से सुनाए और भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा पर भी कटाक्ष किया। नीतीश ने कहा, ‘यह देख कर अच्छा लग रहा है कि जो लोग तिरंगा को मानते भी नहीं थे वे ही लोग अब तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं।’