पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस परियोजना में प्रोडक्शन टारगेट से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया जा चुका है।
नियंत्रक-महालेखा परीक्षक यानी सीएजी ने आज संसद में एक रिपोर्ट रखी। इसमें कहा गया है कि कई टेलीकॉम ऑपरेटर ने अपना राजस्व कम करके दिखाया है। इनमें भारती एयरटेल, वोडाफोन जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।