इस बीच एक अच्छी खबर ये है कि ऊपरी समताप मंडल में ओजोन का लेवल हर दशक में 2-4 प्रतिशत बढ़ रहा है, जिसका मतलब है कि 1990 के दशक के बाद से ओजोन परत में सुधार हो रहा है।
'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"