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जाकिर नाइक के खिलाफ पैसे देकर जबरन धर्म करवाने के नए सबूत

जाकिर नाइक के खिलाफ पैसे देकर जबरन धर्म करवाने के नए सबूत

विवादास्पद इस्‍लामिक प्रचारक जाकिर नाइक फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को अब धर्म परिवर्तन कराने के नए सबूत मिले हैं। महाराष्ट्र एटीएस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन आईएसआईएस के पकड़े गए संदिग्ध रिजवान खान के घर से एटीएस को 800 से ज्यादा धर्म परिवर्तन के कागजात मिले हैं।
मुंबई की आदर्श सोसायटी की इमारत गिराने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

मुंबई की आदर्श सोसायटी की इमारत गिराने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

मुंबई की विवादित आदर्श सोसाइटी की इमारत गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तत्काल रोक लगा दी है। अदालत ने मामले में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है। शुक्रवार को कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त की तारीख तय की। अदालत ने इससे पहले केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब देने को भी कहा है।
यूनिसेफ रिपोर्ट: 34 फीसदी मुस्लिम बच्चे नहीं जा पाते हैं प्री स्कूल

यूनिसेफ रिपोर्ट: 34 फीसदी मुस्लिम बच्चे नहीं जा पाते हैं प्री स्कूल

भारत में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई की शुरूआत से पहले प्री स्कूल नहीं जाते हैं। यूनिसेफ द्वारा जारी एक अध्ययन में पता चला है कि प्री स्कूल नहीं जा पाने वालों में निर्धन एवं समाज के कमजोर वर्गों के बच्चे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं जो प्री स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
बांग्लादेश में रामकृष्ण मिशन को धमकी, भारतीय उच्चायुक्त ने किया परिसर का दौरा

बांग्लादेश में रामकृष्ण मिशन को धमकी, भारतीय उच्चायुक्त ने किया परिसर का दौरा

बांग्लादेश में आईएसआईएस समर्थक होने का दावा करने वाले संदिग्ध इस्लामी चरमंपथियों द्वारा रामकृष्ण मिशन के प्रमुख को जान से मारने की धमकी के मामले को गंभीरता से लेे हुए रविवार को भारतीय उच्चायुक्त ने मिशन परिसर का दौरा किया।
कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

एसआईटी की विशेष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार में षडयंत्र के किसी भी पहलू से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी द्वारा चलाई गई गोलियों ने भीड़ को उकसाया और वह गुस्सा हो गई, नतीजन इतने बड़े पैमाने पर हत्‍याएं हुईं। अदालत ने हालांकि कहा कि गोलीबारी के कारण भीड़ की इस करतूत को माफ नहीं किया जा सकता है।
गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

विशेष एसआईटी अदालत ने सोमवार को कहा कि वह गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले के 24 दोषियों को सजा शुक्रवार 17 जून को सुनाएगी। गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसन जाफरी सहित 69 व्यक्ति मारे गए थे।
गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड पर विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए 24 लोगों को दोषी ठहराया है। अदालत ने मामले में 36 लोगों को बेगुनाह माना है। कोर्ट ने जिन 36 लोगों को बरी किया है उनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और भाजपा पार्षद भी शामिल है। अदालत ने कहा कि 34 आरोपियों को सबूतों की कमी की वजह से बरी किया गया है। अदालत ने कहा कि यह घटनाक्रम साजिश के तहत नहीं हुआ। मामले में सजा 6 जून को मुकर्रर की जाएगी।
आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसाइटी हत्‍याकांड मामले में विशेष अदालत के फैसले पर दंगों की पीड़िता जाकिया जाफरी आहत हैं। उन्‍होंने इस पर गहरा असंतोष जाहिर किया है। जाफरी ने कहा कि अदालत का फैसला एक तरह से आधा न्याय है। जिसेे मिलने में 14 साल लग गए।
गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में गुजरात की एक अदालत के आज आए फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धब्बा बताया है।
हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्‍यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्‍यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
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