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जानिए अर्णब के चैनल ‘रिपब्लिक’ में क्या है खास

जानिए अर्णब के चैनल ‘रिपब्लिक’ में क्या है खास

आखिरकार राष्ट्र जिस रिपब्लिक के बारे में जानना चाहता है उससे परदा उठ गया है। ‘नेशन वॉन्ट्स टू नो’ के तकिया कलाम के साथ अर्णब अपनी आक्रमक शैली के लिए जाने जाते हैं। उन पर सरकार का पक्षधर होने का आरोप भी लगता है। कई लोग उन्हें राष्ट्रवाद का प्रतीक भी मानते हैं और उनकी फैन फॉलोइंग जबर्दस्त है।
गणतंत्र दिवस : तिरंगे के रंगों की रोशनी में जगमगाई सबसे उंची इमारत

गणतंत्र दिवस : तिरंगे के रंगों की रोशनी में जगमगाई सबसे उंची इमारत

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा का अपना ही अंदाज रहा और भारत के साथ दुबई के सांस्कृतिक एवं व्यापारिक रिश्तों का जलवा बिखेरती हुई तिरंगे के रंगों-केसरिया, सफेद और हरे-रंग वाली रोशनी से यह इमारत जगमगाई।
'गणतंत्र देश किसी भी शासक-तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा'

'गणतंत्र देश किसी भी शासक-तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र बना जिसका मतलब है कि वह किसी भी शासक या तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा।
संपादकों तथा पत्रकारों की नियुक्तियों में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी

संपादकों तथा पत्रकारों की नियुक्तियों में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी

छुट्टियों और त्योहारों की वजह से अक्तूबर महीने में नियुक्ति गतिविधियों में दो प्रतिशत गिरावट रही। एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
कांगो में हुए विस्फोट में 32 भारतीय शांतिरक्षक सैनिक घायल

कांगो में हुए विस्फोट में 32 भारतीय शांतिरक्षक सैनिक घायल

कांगो रिपब्लिक में हुए एक बम धमाके में भारत के 32 शांति सैनिक घायल हो गए हैं। इस धमाके में एक स्थानीय बच्चे की मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस घटना की पुष्टि की है।
बांग्लादेश: समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता की हत्या मामले में एक आतंकी गिरफ्तार

बांग्लादेश: समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता की हत्या मामले में एक आतंकी गिरफ्तार

बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ्रेसर अमर्त्य सेन ने अपने नाम ‘अमर्त्य’ से अपनी बात शुरू करते हुए बताया कि कैसे गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उनका नाम रखा और अपने चाचा जोतिर्मय सेन के अंग्रेजों की गुलामी के प्रति संघर्ष जारी रखा ताकि देश आजाद हो सके। लेकिन क्या वाकई देश वैसा ‘आजाद’ हुआ है। यह बात उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के राजेन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला में कहे। उन्होंने इंडियन पीनल कोड से बात शुरू करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में बहुत सी बाते रखीं।
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